मथुरा/वृन्दावन। दक्षिण भारतीय शैली के श्री रंगनाथ मंदिर में गजेंद्र मोक्ष लीला का आयोजन किया गया।जिसमें भक्तों ने पुष्करणी कुंड में ग़ज़-ग्राह के मध्य युद्ध लीला का आनंद लिया। पुराणों में उल्लिखित कथानुसार ग़ज़ (हाथी) भगवान विष्णु की पूजा के लिए फूलमाला लेकर यमुना पार कर रहा था, तभी ग्राह(मगरमच्छ) ने उनके ऊपर हमला कर पैर पकड़ लिया। ग्राह द्वारा रोके जाने पर ग़ज़ ने मुक्त होने के लिए काफी प्रयास किया लेकिन युद्ध में परास्त होने पर ग़ज़ ने भगवान का स्मरण किया। ठाकुर जी अपने भक्त की रक्षा के लिए दौड़े आये और उसे ग्राह के चंगुल से मुक्त कराया।
प्रचीन परंपरा के अनुसार रंगनाथ मंदिर के पुष्करणी कुंड में आयोजित ग़ज़ ग्राह की लड़ाई देखने के लिए सैकड़ो भक्तजन पुष्करणी कुंड के समीप एकत्रित होने लगे। जहां लीला आरम्भ होते ही उपस्थित दर्शकों की नजर कुंड के मध्य ही टिकी रही। कुंड में चल रही लीला के दौरान गरुण वाहन पर विराजमान ठाकुर रंगनाथ की ओर से ग़ज़ को ग्राह से मुक्त कराने के लिए सुदर्शन चक्ररूपी पटाखा छोड़ा गया तो इस लीला का संजीव मंचन देख भक्तजन जयघोष करने लगे जिससे पूरा मंदिर जयकारों से गुंजायमान हो गया।