उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के चलते और आगामी तीसरी लहर को देखते हुए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल की परीक्षा को निरस्त कर दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि परिस्थितियां अनुकूल होने पर जुलाई के दूसरे सप्ताह से इंटरमीडिएट की परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि सरकार ने काफी विचार करने के बाद सत्र 2020-21 की हाई स्कूल की परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया है। हालांकि कक्षा बारहवीं के परीक्षाओं को लेकर रूपरेखा तैयार कर ली है।
प्रदेश के माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा का कहना है कि कोविड के कहर के चलते अगर आगे परिस्थितियां अनुकूल होती है तो सत्र 2020 – 21 की 12वीं की परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। साथ ही अनुमानित तिथि भी साझा की है ।उन्होंने बताया कि जुलाई के दूसरे सप्ताह में यह परीक्षाएं शुरू हो सकती हैं। आगे उन्होंने कहा कि इस परीक्षा के लिए तैयार की गई योजना के अनुसार परीक्षार्थियों को मात्र 3 प्रश्न का उत्तर देना होगा वहीं परीक्षा की अवधि डेढ़ घंटा बताई है।डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार प्रदेश में रहने वाले विद्यार्थियों को एक आदर्श एवं उत्कृष्ट शिक्षा व्यवस्था देने के लिए कटिबद्ध एवं निरंतर प्रयासरत है। इस दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण से फैली हुई महामारी के बीच उत्पन्न ये असाधारण परिस्थितियों में सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में व्यापक छात्र हित तथा जनहित में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की 2021 की कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। इस अहम फैसले से 29,94,312 बच्चों को बड़े संकट से मुक्ति मिलेगी।
डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि कक्षा 10 के और कक्षा 11 के छात्र-छात्राओं की प्रोन्नति को लेकर विस्तृत दिशा निर्देश तैयार करने का निर्देश भी उत्तर प्रदेश मध्यमिक शिक्षा परिषद को दे दिया गया है।वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग, निरंतर छात्र-छात्राओं के हित में फैसले ले रहा है। दरअसल आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने 2020 के जुलाई महीने में ही करोना महामारी के मद्देनजर पठन पाठन में हो रहे व्यवधान से पाठ्यक्रम में 30 फ़ीसदी की कमी कर दी थी।
इसके साथ ही माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बीते वर्ष के लॉकडाउन से ही ऑनलाइन शिक्षण का कार्य दूरदर्शन, स्वयंप्रभा चैनल, ई- विद्या चैनल, वर्चुअल स्कूल और यूट्यूब के माध्यम से शुरू कर दिया था। वहीं प्रदेश के 29 लाख से ज्यादा व्हाट्सएप ग्रुप प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं छात्रों के बनाए। जिससे प्रदेश में पठन-पाठन का माहौल बरकरार रहे।बहरहाल सरकार ने सभी बोर्ड के सभी स्कूलों के कक्षा 6, 7, 8, 9 एवं 11 के छात्रों को भी प्रोन्नत करने का भी निर्णय कर लिया है। यह प्रोन्नति आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर की जाएगी। सरकार द्वारा दिए गए आदेश के बावजूद यदि किसी विद्यालय द्वारा इन निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है तो अभिभावक जिले के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित नियामक समिति के समक्ष अपनी शिकायत पेश करने के लिए बिल्कुल स्वतंत्र हैं।