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26 महीने से धरने पर बैठे किसानों की आंखों से निकले आंसू, जाने क्यों

by pawan sharma

आगरा। अपनी मांगों की लेकर पिछले 26 महीनों से गुतला गांव में धरने पर बैठे देश के अन्नदाता यानी किसान के आंसू भी उस समय बहने लगे जब कहरई गांव में शहीद के पार्थिव शरीर को उसके बेटे ने मुखग्नि दी। इस आतंकी हमले को लेकर देश का अन्नदाता भी खून के आंसू रो रहा है। किसानों ने भी जवानो की सुरक्षा और पाकिस्तान को इस घटना का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए धरना स्थल पर जमकर प्रदर्शन किया। किसानों ने आतंकवाद के साथ साथ पाकिस्तान का पुतला जलाया और उस पर जूते बरसाकर अपना आक्रोश भी व्यक्त किया। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों ने हिंदुस्तान जिंदाबाद, भारत माता की जय, पाकिस्तान मुर्दाबाद और आतंकवाद मुर्दाबाद के नारे लगाए। पुतला दहन के बाद सभी किसानों ने आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी और भगवान से इस दुख को सहन करने के लिए परिजनों को शक्ति देने की प्रार्थना की।

इस विरोध प्रदर्शन के दौरान हल चलाने वाले किसान के हाथों में जलती हुई मशाल देखने को मिली। जो एहसास करा रही थी कि किसान इस दुख की घड़ी में जवानों और शहीद के परिजनों के साथ खड़े है और जरूरत पड़ने पर खुद बॉर्डर पर जाकर आतंकियों से दो दो हाथ करने को तैयार है।

प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना था कि इस घटना ने हमारे दिलों को भी छलनी कर दिया है। हमारे मतभेद सरकार से हो सकते है लेकिन इस समय किसान अपने जवानों के साथ खड़ा है। सरकार से मांग है कि अगर वो कुछ नही कर सकती तो देशवासियों को इस घटना का बदला लेने के लिए खुली छूट दे दे।

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