फ़िरोज़ाबाद। कहते हैं कि इंसान में अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो दिव्यांगता कभी भी उसकी तरक्की में बाधा नहीं बन सकती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है फिरोजाबाद जनपद के शिकोहाबाद में रहने वाले अजय ने। अजय के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं है, बावजूद इसके उसका जज्बा कम नही है। अजय अपने सभी काम पैरों से कर लेता है। अजय ने पैरों से ही पढ़ाई लिखाई कर बायो से बीएससी भी कर ली है।
शिकोहाबाद के आंवगंगा रोड पर रहने वाला अजय जब पैदा हुआ था तभी उसके दोनों हाथ नहीं थे। अजय के पैदा होते ही परिजनों में खुशी की बजाय मायूसी देखने को मिली कि आखिर अजय अब अपनी जिंदगी कैसे गुजर बसर करेगा। क्योंकि उसके हाथ ही नहीं है लेकिन अजय जब समझदार हुआ तो उसने कभी अपनी दिव्यांगता को ही अपना हथियार बनाया और अपने घर के सभी काम अपने पैरों से करता है।
अजय के पिता नहीं है और उसकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है लिहाजा वह एक निजी स्कूल में तीन हजार रुपए प्रति माह की नौकरी कर अपनी मां का भी पालन पोषण कर रहा है।
अजय अपनी विकलांगता से नही हारा लेकिन सरकारी सिस्टम से वह हार चुका है। विकलांग लोगों की आर्थिक मदद के लिए सरकार तमाम योजनाएं चला रही हैं लेकिन उन योजनाओं का सही लाभ अजय को नहीं मिल पाया है विकलांग अजय विकलांग पेंशन के लिए सरकारी विभाग के चक्कर लगा रहा है लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है
पीड़ित अजय का कहना है कि पिछले 8 महीने से वह विकलांग पेंशन के लिए परेशान हैं नौकरी करने के बावजूद भी उसे मात्र ₹3000 मिलते हैं जिसमें वह घर का किराया मां की सेवा और अपना भरण-पोषण करता है। फिलहाल अधिकारियों की उदासीनता के कारण उसका सरकारी तंत्र से भरोसा उठने लगा है।