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डॉ दीप्ति अग्रवाल की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी की जमानत की ख़ारिज

by admin
Supreme Court dismisses all bail in the case of Dr. Deepti Agarwal's death

Agra. डॉ. दीप्ति अग्रवाल की मौत के मामले में पति सुमित, ससुर डॉ. एससी अग्रवाल, सास अनीता अग्रवाल, जेठ डॉ. अमित अग्रवाल और जेठानी डॉ तूलिका अग्रवाल को कोई राहत मिलती हुई नजर नही आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने ससुर, सास, जेठ और जेठानी को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत के आदेश को खारिज कर दिया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने सीबीआई जांच के आदेश किए हैं। डॉ. दीप्ति के पिता डॉ. नरेश मंगला ने आरोपियों की अग्रिम जमानत के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

विभव वैली व्यू अपार्टमेंट निवासी डॉ. दीप्ति अग्रवाल तीन अगस्त को अपने फ्लैट में फंदे में लटकी मिली थीं। उन्हें पति डॉ. सुमित अग्रवाल ने अपने प्रतापपुरा स्थित अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया था। सूचना पर पहुंची पुलिस को बताया था कि डॉ. दीप्ति फंदे पर लटकी मिलीं। वह उन्हें उतारकर यहां लेकर आए हैं। हालत में सुधार नहीं होने पर डॉ. दीप्ति को फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल में रेफर किया गया था। छह अगस्त को इलाज के दौरान डॉ. दीप्ति की मृत्यु हो गई थी।

इस मामले में डॉ. दीप्ति के पिता डॉ. नरेश मंगला (निवासी कोसी, मथुरा) ने सात अगस्त को दीप्ति के पति सुमित, ससुर डॉ. एससी अग्रवाल, सास अनीता अग्रवाल, जेठ डॉ. अमित अग्रवाल और जेठानी डॉक्टर तूलिका अग्रवाल के खिलाफ दहेज मृत्यु, दहेज उत्पीड़न, मारपीट, जान से मारने की धमकी, दहेज मांगने, गर्भपात कराने की धारा में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने आठ अगस्त को पति डॉक्टर सुमित अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें जेल भेजा गया।

पुलिस ने डॉ. सुमित अग्रवाल को जेल भेजने के बाद अन्य आरोपियों के गैर जमानती वारंट लिए, लेकिन आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका। बाद में आरोपियों ने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया। मगर, प्रार्थनापत्र खारिज हो गया। बाद में ससुराली हाईकोर्ट गए। हाईकोर्ट से डॉ. एससी अग्रवाल, अनीता अग्रवाल, डॉ. अमित अग्रवाल और तूलिका अग्रवाल को अग्रिम जमानत मिल गई। हालांकि बाद में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में 24 अक्तूबर को चार्जशीट लगाई। सीओ सदर महेश कुमार ने गर्भपात की धारा को साक्ष्यों के अभाव में हटा दिया, जबकि अन्य धारा लगी रहीं।

डॉक्टर नरेश मंगला ने बताया कि पुलिस ने शुरू से विवेचना में लापरवाही की। उन्होंने मुख्यमंत्री और डीजीपी से भी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी। मुकदमे की जांच ट्रांसफर की मांग की थी। आरोपियों को अग्रिम जमानत मिलने पर 27 अक्तूबर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

डॉ. नरेश मंगला की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता संजय खरड़े और शेखर नेफड़े ने अपील की। संजय खरड़े ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने सीबीआई जांच के आदेश किए हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने हाईकोर्ट के उस आदेश को भी खारिज कर दिया, जिसमें सास, ससुर, जेठ और जेठानी को अग्रिम जमानत मिली थी। अग्रिम जमानत का आदेश हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने दिया था।

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