आगरा। कोरोना का प्रकोप तेजी के साथ बढ़ रहा है जिससे हर व्यक्ति चिंतित है। कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग जुटा है तो पूजा का दौर भी चल रहा है। ऐसे में सुखमनी सभा आगरा की ओर से बैसाखी के पर्व पर गुरु की अरदास करते हुए आठ लाख छब्बीस हजार मूलमंत्र के पाठ का जाप किया गया जिसमें समूह संगत ने भाग लिया। बैसाखी पर्व के अवसर पर आगरा की सुखमनी सेवा सभा की ओर से ऑनलाइन कीर्तन कार्यक्रम फेसबुक के माध्यम से प्रसारित किया गया जिसे अपने अपने घरों में ही रहकर हजारों श्रद्धालुओं ने रसपान किया।
हरमन वीर महेंद्र पाल सिंह द्वारा सर्वप्रथम 51 मूल मंत्र के पाठ के अप्रांत खालसा पंथ की स्थापना दिवस पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 1699 वैसाखी के दिन ही गुरु गोविंद सिंह ने अमृत की दात देकर खालसा पंथ की सिरजना की। जहां गुरु जी ने एक न्यारा रूप जोश नई सोच सरबत के भले की धारणा धार्मिक जज्बा हर खालसे के अंदर डाला, वहीं समूह पंत को केवल गुरु ग्रंथ साहिब को ही गुरु मानने को हुकुम दिया।
इस अवसर पर ‘सुरनर मुनिजन अमृत खोजदे सो अमृत गुर ते पाया’ शब्द का गायन किया गया। उन्होंने बताया कि आज हर गुरु नानक नाम लेवा व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह सामाजिक कुरीतियों से अपने आप को डर रखते हुए सरबत के भले की सोच रखते हुए बिना किसी ऊंच-नीच के मानवता की सेवा हेतु आगे आए।
सुखमनी सभा के पदाधिकारियों ने बताया कि कोरोना से बचाव हेतु समूह संगत में करीब आठ लाख छब्बीस हजार मूल मंत्र के पाठों का जाप किया गया जो कि एक मिसाल है। कीर्तन के समापन पर सामूहिक तौर पर इन पाठों की अरदास की गई जिसमें कोरोना बीमारी को दूर करने, सभी के घर परिवार देश एवं समूह विश्व इस दुख से उबरने की अरदास की गई। हजारों श्रद्धालु अपने-अपने घरों में रहकर इस अरदास में शामिल हुए।