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‘आशाएं-2023’ में विभिन्न प्रतियोगिताओं में छात्र-छात्राओं ने दिखाया अपना हुनर

by admin

आगरा। साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समारोह समिति के तत्वाधान में आयोजित आगरा कॉलेज, आगरा के वार्षिक समारोह आशाएं-2023 में आज बुधवार को गंगाधर शास्त्री भवन में तीसरे दिन सुगम गायन, लोक गायन, पाश्चात्त्य गायन, फोटोग्राफी, मेंहदी, इंस्टालेशन, क्विज व वाद विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।

आज के कार्यक्रम का शुभारंभ क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी प्रो. रेखा रानी तिवारी एवं प्राचार्य प्रो. अनुराग शुक्ला ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया।

इस अवसर पर उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी प्रो रेखा तिवारी ने कहा कि बिना साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के शिक्षण पूरा नहीं हो सकता। संगीत से संपूर्ण विश्व की शांति संबंधित है और आचरण की उत्कृष्टता सांस्कृतिक गतिविधियां ही सिखाती हैं। उन्होंने कहा कि संगीत मनोरंजन का साधन मात्र नहीं है, यह एक तपस्या है, जो व्यक्ति के मन और आत्मा को झंकृत करता है। इसमें पारंगत होने के लिए अनेकानेक अभ्यास की आवश्यकता होती है।

कार्यक्रम में साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समारोह समिति की प्रभारी प्रो. क्षमा चतुर्वेदी ने अतिथियों का स्वागत, कार्यक्रम का संचालन संगीत विभाग की प्रो आंश्वना सक्सेना ने तथा परिचय प्रो रीता देव ने किया। डॉ काजल शर्मा ने आभार प्रकट किया।

सुगम संगीत में प्रतिज्ञा ने “मेरी अंखियां तरस रही है”, आर्ची ने “कोई अब सो न सके गाते रहिए”, मोना ने “कान्हा अब तो मुरली की”, मोहिनी ने “दर पे सुदामा गरीब आ गया है” भजन गाया।

लोक गायन प्रतियोगिता में मोना ने “तेरे लाल ने माटी खाई”, लवेश ने भांड “केसरिया बालम” प्रस्तुत किया। मनीषा ने “होलिया में उड़े रि गुलाल” गाकर होली के रंग बिखेरे।

पाश्चात्त्य गायन प्रतियोगिता (एकल व समूह) में लवेश, मोना, गरिमा और अंशुल ने “लव मी लाइक यू डू” तथा लवली ग्रुप ने “लेट मी‌ लव यू” गाकर लोगों की तालियां बटोरीं।

वाद-विवाद प्रतियोगिता का विषय था “निजीकरण देश के विकास के लिए लाभदायक है।” विषय के विपक्ष में प्रतिभागियों ने अपने विचार रखते हुए कहा कि निजीकरण देश के लिए बहुत हद तक लाभदायक नहीं है, क्योंकि इसके कारण निर्धन लोगों के लिए शिक्षा और चिकित्सा जैसी मूलभूत आवश्यकताएं दुर्लभ हो जाएंगी। निजीकरण से आतंकवाद के बढ़ावे का खतरा संभावित है। वही कुछ वक्ताओं ने विषय के पक्ष में अपने विचार रखते हुए कहा‌कि देश के सतत् विकास के लिए निजीकरण अत्यंत आवश्यक है।

निर्णायक मंडल में गायन प्रतियोगिता डॉ शोभी माथुर व डा गजेंद्र सिंह ने निर्णय सुनाया। मेंहदी में प्रो सुनीता गुप्ता, प्रो रचना सिंह, इंस्टालेशन में डा गणेश कुशवाह, फोटोग्राफी में डा दीपक कुलश्रेष्ठ, वाद विवाद में प्रो गौरांग मिश्रा, प्रो अंशु चौहान व डा अनुराग पालीवाल रहे।

प्रतियोगिताओं का परिणाम इस प्रकार है-

सुगम गायन प्रतियोगिता
प्रथम- लवेश
द्वितीय- मोंटी
तृतीय- अंशुल

लोक गायन प्रतियोगिता
प्रथम- प्रतिज्ञा
द्वितीय- निखिल
तृतीय- अंशुल

पाश्चात्त्य गायन प्रतियोगिता (एकल)
प्रथम- मोंटी
द्वितीय- उर्वशी शर्मा
तृतीय- शिवांश शर्मा

पाश्चात्त्य गायन प्रतियोगिता (समूह)
प्रथम- लवेश एंड ग्रुप
द्वितीय- मानवेंद्र एंड ग्रुप
तृतीय- लवी एंड ग्रुप

वाद विवाद प्रतियोगिता हिंदी
प्रथम- पल्लवी शर्मा
द्वितीय- कोमल कुमारी
तृतीय- ऐश्वर्या राजे चौहान

वाद विवाद प्रतियोगिता अंग्रेजी
प्रथम- परी शर्मा
द्वितीय- मान्या दक्ष
तृतीय- हिमांशु शर्मा

फोटोग्राफी प्रतियोगिता
प्रथम- योगेश कुमार
द्वितीय- योगिता सिंह
तृतीय- आदित्य प्रताप

मेंहदी प्रतियोगिता
प्रथम- ध्रुव
द्वितीय- कोमल कुमारी
तृतीय- भावना गौतम

इंस्टालेशन
प्रथम- आरती व ललित
द्वितीय- भारती व पिंकी
तृतीय- प्रगति व प्रियंका

क्विज
प्रथम- शशांक सिंह व नितिन गौतम
द्वितीय- राहुल राजपूत व सचिन उपाध्याय
तृतीय- पवन त्यागी व गौरव

प्रतियोगिताओं का संचालन डॉ संध्या मान व डॉ सोनल सिंह ने किया।

इस अवसर पर प्रो शेफाली चतुर्वेदी, प्रो मीना कुमारी सिंह, प्रो कल्पना चतुर्वेदी, प्रो सुनीता रानी, प्रो ममता सिंह, प्रो अमिता सरकार, प्रो शादा जाफरी, प्रो अमरनाथ, प्रो रीता निगम, प्रो स्मिता चतुर्वेदी, डॉ अल्पना ओझा, डॉ आशीष तेजस्वी, डा दिनेश मौर्य, गौरव प्रकाश, डॉ निधि शर्मा, डा महेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।

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