Agra. प्रदेश का हर बच्चा शिक्षित बने इसके लिए सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के सरकारी स्कूलों की बदहाल व्यवस्था को बदलने में लगें हुए है और सरकारी स्कूलों को डिजिटल मॉडल स्कूल बनाने के लगे हुए है लेकिन मुख्यमंत्री के इस सपने को जिला प्रशासन पलीता लगा रहे है। ऐसा ही एक मामला सरकारी माध्यमिक विद्यालय का है जो इस समय शिक्षा का मंदिर नही बल्कि गंदगी का तालाब बना हुआ है जिसे देख हर व्यक्ति सरकार और जिला प्रशासन को कोस रहा है।
मामला आगरा फतेहाबाद के जटपुरा के पूर्व माध्यमिक विद्यालय का है। यह विद्यालय कोरोना के चलते काफी समय से बंद है और अब यह शिक्षा का मंदिर नही रहा बल्कि एक तालाब बन गया है जहां जलभराव है और गांव का गंदा पानी जमा हो रहा है। प्राथमिक विद्यालय में गांव का गंदा पानी जमा होने के कारण स्कूल के आसपास का लगभग 100 मीटर का दायरा बदबूदार हो गया है जिसके कारण लोगों का जीना भी मुहाल हो रखा है।
आपको बताते चलें कि सरकारी स्कूल के मेंटेनेंस और रखरखाव के लिए सरकार की ओर से बजट मिलता है लेकिन सरकारी स्कूलों पर यह बजट खर्च नहीं हो रहा, इसी का परिणाम है कि जटपुरा का यह पूर्व माध्यमिक विद्यालय शिक्षा का मंदिर नहीं रहा बल्कि एक तालाब बन चुका है।
लोगों ने बताया कि काफी समय से यह स्कूल बंद है, बच्चे स्कूल में पढ़ने के लिए आना चाहते हैं लेकिन जलभराव और गंदगी के चलते वह आना नहीं चाहते स्कूल के अध्यापक आते हैं लेकिन खानापूर्ति करके चले जाते हैं क्योंकि उन्हें बच्चों को शिक्षित बनाने में शायद कोई रुचि नहीं है। इसीलिए इस विद्यालय कि यह दुर्दशा हो रखी है। बड़ा सवाल यह है कि कई महीने बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन ने आखिरकार इस ओर कोई सुध क्यों नहीं ली है।