Agra. बल्केश्वर से निकाली गयी प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा में श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। चारों ओर प्रभु जगन्नाथ की जयकार गूंज रही थी। उन्हीं की गानों की धुन बज रही थी लेकिन अचानक से चीख-पुकार मचने लगी और भगदड़ हो गई। लोग रथ के नीचे दबे लोगों को बचाने के लिए भागे। लगभग 50 श्रद्धालु इस भगदड़ की चपेट में आ गए। श्रद्धालुओं को हल्की चोटें जरूर आई लेकिन गनीमत रही कि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।
हर वर्ष की भांति इस बार भी प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जा रही थी। यह रथयात्रा बल्केश्वर महादेव मंदिर से शुरू होती है। इस यात्रा में शामिल होकर प्रभु जगन्नाथ के जात को खींचने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। मंदिर के मुख्य गेट पर प्रभु जगन्नाथ बलदेव और सुभद्रा की प्रतिमाओं से सुसज्जित रथ खड़ा हुआ था। रथ के बिल्कुल पास एक छोटा मंच बना था। जिस पर ढोल-ताशे बज रहे थे। यात्रा शुरू होने से पहले आरती और पूजा पाठ की तैयारियां जोर-शोर से चल रही थी
सैकड़ों भक्त रथ को खींचने के लिए रस्सा हाथ लेकर खड़े थे। अचानक से रस्सा खींचने से रथ आगे बढ़ गया, जिससे रथ और मंच के बीच में खड़ी महिलाएं और बच्चे नीचे दब गए। श्रद्धालुओं के नीचे गिरने और दबने से चीख-पुकार मचने लगी और भगदड़ हो गई। इस भगदड़ में लगभग 40 से 50 लोग चपेट में आ गए। रथ के नीचे दबे लोगों को बचाने के लिए लोगों ने दौड़ लगाई और फंसे लोगों को बमुश्किल बाहर निकाला गया।
गनीमत रही कि लोगों ने प्रभु जगन्नाथ के रथ को आगे बढ़ने से रोक लिया जिससे श्रद्धालुओं की जान बच गई। नहीं तो इस भगदड़ और इस हादसे में जनहानि से भी इंकार नही किया जा सकता था। इस घटना की चपेट में आए श्रद्धालुओं ने बताया कि अचानक से रथ आगे बढ़ गया जिससे वह नीचे गिर गए और उनको हल्की-फुल्की चोटें आई।