Agra. ताजगंज थाना क्षेत्र के नालंदा टाउन के 106 नंबर मकान पर क्रिस्टीना पब्लिकेशन की शिकायत पर छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया गया। 106 नंबर मकान में सेंट जोंस कॉलेज के प्रोफेसर अनिल कुमार अपने परिवार के साथ रहते हैं। छापामार कार्यवाही के दौरान क्षेत्रीय पुलिस के साथ-साथ गुड़गांव के कुछ अधिकारी और अधिवक्ता मौजूद थे। मामला कॉपीराइट से जुड़ा हुआ था। कार्यवाही के दौरान पुलिस और छापामार टीम ने घर से लैपटॉप, कुछ किताबें और अन्य सामग्री को अपने कब्जे में लिया और सील करके ले गए। इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप की स्थिति बनी रही।
जानकारी के मुताबिक क्रिस्टीना पब्लिकेशन बुक प्रिंटिंग का काम करती है। उनके पास कई ऑथर्स के साथ समझौता है जो इनके लिए बुक्स राइट का काम करते हैं। क्रिस्टीना पब्लिकेशन को शिकायत मिली थी कि उनकी बुक्स में से चीजें चुराकर दूसरी बुक्स में पब्लिश की जा रही हैं। जिसे आगरा के एक सेंट जॉन्स कॉलेज के प्रोफेसर लिख रहे हैं। इस शिकायत पर क्रिस्टीना पब्लिकेशन गुड़गांव न्यायालय में शिकायत दर्ज कराई थी।
पब्लिकेशन की शिकायत पर गुड़गांव जिला न्यायालय की ओर से इस मामले की जांच पड़ताल को लेकर एक टीम का गठन किया गया था। जिला न्यायालय गुड़गांव से सर्च के मिले आर्डर के साथ टीम ताजगंज थाना क्षेत्र के नालंदा टाउन के मकान नंबर 106 पर पहुंची। क्षेत्रीय पुलिस को 7 दिन के बाद पूरे घर में सर्च कराई गई। इस घर में सेंट जॉन्स कॉलेज के प्रोफेसर अनिल कुमार अपने परिवार के साथ रहते थे। टीम ने छापामार कार्रवाई को अंजाम देकर लैपटॉप बुक लेखन से संबंधित सामग्री और किताबों को अपने कब्जे में लिया।
क्रिस्टीना पब्लिकेशन इन किताबों को लेकर आपत्ति उठाई है, उन पर सेंट जॉन्स कॉलेज के प्रोफ़ेसर अनिल कुमार का नाम छपा हुआ है। इसी वजह से टीम ने उनके घर पर छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया। इस छापामार कार्रवाई की जानकारी होते ही कॉलेज के अन्य प्रोफ़ेसर भी मौके पर पहुंच गए। उनके साथ मौजूद एक अधिवक्ता ने इस पूरी कार्यवाही का विरोध किया।
वहीँ सेंट जॉन्स कॉलेज प्रोफ़ेसर अनिल कुमार कहना था कि वह किसी किताब पर काम नहीं कर रहे हैं। जो किताब उन्होंने दिखाई गयी उस पर उनका नाम कैसे हैं, वह खुद नहीं जानते। ऐसा लगता है कि उन्हें फंसाए जाने की साजिश रची रही है।