आगरा। इस वर्ष इस्कॉन मंदिर के 15वें स्थापना दिवस के अवसर पर 27 जून को आयोजित होने वाली श्रीजगन्नाथ जी की रथयात्रा भी विशेष होगी। जिसमें नंदीघोष रथ की साज-सज्जा से लेकर भगवान के श्रंगार तक सब कुछ खास होगा। 14 दिन बाद श्रीजगन्नाथ जी भक्तों को 26 जून को आयोजित नयन उत्सव में दर्शन देंगे। कमला नगर स्थित श्रीजगन्नाथ जी मंदिर इस्कॉन (अन्तर्राष्ट्रीय श्रीकृष्ण भावनामृत संघ) द्वारा श्रीजगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ देश विदेश के हजारों भक्त भी भाग लेने पहुंचेंगे।
कमला नगर स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर में आयोजित आमंत्रण पत्र विमोचन कार्यक्रम में इस्कॉन मंदिर आगरा के अध्यक्ष अरविद स्वरूप ने जानकारी देते हुए बताया कि 27 जून को भक्तिभाव के साथ श्रीजगन्नाथ रथयात्रा का आयोजन किया जा रहा है। बल्केश्वर स्थित महालक्ष्मी मंदिर से दोपहर 3 बजे प्रारम्भ होकर यात्रा बल्केश्वर, कमला नगर क्षेत्र में भ्रमण करते हुए इस्कॉन मंदिर रश्मि नगर पहुंचेगी। श्रीहरि के रथ को भक्तजन रस्सी से खींचकर मंदिर तक ले जाएंगे। जगह-जगह यात्रा का स्वागत किया जाएगा। इससे पूर्व 22, 23, 24, 25 जून को शहरवासियों को रथयात्रा में आमंत्रित करने के लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में आमंत्रण यात्रा निकाली जाएगी।
नितेश अग्रवाल ने बताया कि मान्यतानुसार भगवान के रथ की रस्सी खींचने वाले श्रद्धालु जन्म मरण के बंधन से मुक्ति पाते हैं। बीमार होने के उपरान्त 14 दिन बाद श्रीहरि 26 जून को मंदिर परिसर में आयोजित नयन उत्सव में भक्तों को दर्शन देंगे। जहां 14 दिन तक श्रीहरि के उपाचार व सादा भोजन के बाद छप्पन भोग का प्रसाद लगाया जाएगा। 56 भोग भक्तों द्वारा पकाकर मंदिर में लाया जाएगा। अरविन्द प्रभु ने सभी भक्तों को अधिक से अधिक संख्या में रथयात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से नितेश अग्रवाल, संजीव बंसल, विमल फतेहपुरिया, राजेश उपाध्याय, अदिति गौरांगी, आशू मित्तल, दिनेश अग्रवाल, रमेश यादव, सूरज प्रभु, अनिल संजय कुकरेजा, राजीव मल्होत्रा आदि उपस्थित थे।
21 जून से प्रारम्भ होगा गुण्डिचा मार्जन
आगरा इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष अरविन्द प्रभु ने बताया कि 21 जून से गुण्डिचा मार्जन प्रारम्भ हो जाएगा। गुण्डिचा मार्जन मंदिर की सफाई की एक प्रक्रिया है, जो पुरी में वार्षिक रथयात्रा से पहले की जाती है। यह भगवान श्रीजगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों के गुंडिचा मंदिर में प्रवास के लिए मंदिर को तैयार करने का अनुष्ठान है, जिसमें मंदिर में रंग रोगन, सफाई करके व पुष्पों से सजाकर तैयार किया जाता है। मान्यता है कि इस सफाई से न केवल मंदिर बल्कि भक्तों का हृदय भी शुद्ध होता है।