रेनॉल्ट कार की अगली सीट पर बैठे पांच फुट लंबे रैट स्नेक को आगरा के सिकंदरा छेत्र से वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने रेस्क्यू किया। कुछ देर निगरानी में रखने के बाद सांप को सुरक्षित रूप से जंगल में छोड़ दिया गया।
राजपुर चुंगी में रहने वाले एक परिवार के साथ डरावनी घटना घटी, जब उन्होंने एक अजीबोगरीब सह-यात्री को अपनी कार में सवारी करते हुए पाया। कार की अगली सीट पर पांच फीट लंबा रैट स्नेक बैठा हुआ था, जिसे देख कर उनके रोंगटे खड़े हो गए।
वाइल्डलाइफ एसओएस के हेल्पलाइन (+91-9917109666)पर परिवार ने तुरंत एनजीओ से संपर्क किया, उनसे सहायता का अनुरोध किया। जैसे ही रेस्क्यू टीम ने करीब से देखने के लिए कार का दरवाजा खोला, सांप तेजी से बाहर निकला और पहिया और फेंडर (गाड़ी की सतह के कोने पर मौजूद पिलर) के बीच की जगह में घुस गया।
बचाव अभियान कई घंटों तक चला क्योंकि कार को सर्विस सेंटर ले जाना पड़ा जहां संकटग्रस्त सांप को सुरक्षित निकालने के लिए फेंडर लाइनर को काट दिया गया था। घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद वाइल्डलाइफ एसओएस रेस्क्यू टीम ने सफलतापूर्वक सांप को बाहर निकाल उसे रेस्क्यू किया l
वाइल्डलाइफ एसओएस को कॉल करने वाले प्रेम सिंह ने बताया, ‘कार में सांप को देखकर हम सहम गए थे। सांप को रेस्क्यू कर लिया गया है, लेकिन मैं अभी भी हैरान हूं कि दरवाजे और खिड़कियां बंद होने के बावजूद कार के अंदर सांप कैसे घुस आया।”
वाइल्डलाइफ एसओएस के सीईओ और सह-संस्थापक, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “लोग अक्सर सांपों को अपने नज़दीक पा कर घबरा जाते हैं, असल में सांप भी इंसानों से बेहद डरते हैं, लेकिन उकसाए जाने या गलत तरीके से पकड़ने पर वह काट भी सकते हैं। हम वाइल्डलाइफ एसओएस हॉटलाइन से संपर्क करने और मामले को अपने हाथों में लेने के बजाय हमारी योग्य बचाव टीम में विश्वास रखने के लिए परिवार के बहुत आभारी हैं।”
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी ने कहा, “ऐसी स्थिति से सांप को बचाना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि हमें यह सुनिश्चित करना ज़रूरी होता है की सांप और भी ज्यादा परेशान ना हो। इस तरह के संवेदनशील बचाव कार्यों के लिए विशेषज्ञ कर्मचारियों को धैर्य रखने के साथ-साथ इन स्थितियों से निपटने के लिए उच्च स्तर के कौशल की आवश्यकता होती है। ”