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फ़िश सेंटर की आड़ में हो रही थी कछुओं की तस्करी, अन्य राज्यों से भी जुड़े तार

by admin
Smuggling of turtles was taking place under the guise of fish center, wires connected to other states too

Agra. आगरा में कछुओं की तस्करी की सूचना पर पुलिस ने वन विभाग की टीम के साथ छापामार कार्यवाही को अंजाम दिया और तस्कर गिरफ्तार कर बड़े पैमाने में शहर से कछुओं की तस्करी का खुलासा किया। यह तस्कर डॉग व फिश सेंटर (पेट) हाउस की आड़ में कछुओं की तस्करी कर रहा था। शहर में कछुआ तस्करी होने की जानकारी आगरा पुलिस को दिल्ली से आई वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल की टीम ने दी थी जिसके बाद शहर में कई स्थानों पर टीम को लगाकर कछुआ तस्कर गिरफ्तार किये गए। उनके पास से कछुए भी बरामद किया है। यह खुलासा एसपी सिटी रोहन पी बोत्रे ने किया।

एसपी सिटी रोहन पी बोत्रे ने बताया कि दिल्ली से आई वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल की टीम ने शहर में कछुओं की तस्करी की सूचना दी थी। इस सूचना कई टीमों को शहर के अलग अलग स्थानों पर लगाया। एक टीम लोहामंडी व आवास विकास क्षेत्र में पहुँची और सूचना पुख्ता होने पर सिविल ड्रेस में सिपाही को भेजा गया। सिपाहियों ने ग्राहक बनकर एक डॉग हाउस पर कछुओं को लेकर बातचीत की। यह दुकान अक्की नाम के व्यक्ति की थी जो कछुआ देने के लिए तैयार हो गया।

दूसरी कार्यवाही आवास विकास में सुनील फिश सेंटर पर हुई। इसका मालिक सुनील था जो फिश सेंटर की आड़ में कछुओं की तस्करी से जुड़ा था। सुनील एकवेरियम की आड़ में कछुओं को बेच रहा था। इसके पास से 12-12 नाखून वाले कछुए बरामद हुए।

एसपी सिटी ने बताया कि ग्राहक बनकर गए पुलिस कर्मियों को लोहामंडी में दुकान स्वामी अक्की ने बताया कि उसके पास दुर्लभ प्रजाति के 20 नाखून वाले भी कछुए है। इसे घर मे रखा जाए तो शुभ माना जाता है। इस कार्यवाही में लोहामंडी क्षेत्र से अक्की की दुकान और आवास विकास से सुनील फिश सेंटर से कछुए बरामद किए है।

एसपी सिटी ने बताया कि पूछताछ में तस्करों ने बताया कि वो बाह क्षेत्र से कछुए खरीदते है। वहाँ के लोग चम्बल नदी से कछुए पकड़ते है और उनसे सस्ते दामों में ख़रीद लेते है और महंगे दामों में बेच देते है।

एसपी सिटी ने बताया कि दुर्लभ प्रजाति के कछुओं की कीमत ढाई लाख रुपये तक है। सामान्य कछुआ ही 50-50 हजार का बेच रहे है। अभी तक जांच में तस्करों के सम्बंध मध्यप्रदेश व दिल्ली से निकले है, यहीं तस्करी करते है। सुनील और अक्की के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

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