Agra. बीएड फर्जीवाड़े को लेकर आगरा विश्वविद्यालय की मुश्किलें कम होती हुई नजर नहीं आ रही है। बीएड सत्र 2005 फर्जीवाड़े का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया। 2005 बीएड फर्जीवाड़े को लेकर एसआईटी ने आगरा विश्वविद्यालय के 12 कर्मचारियों को लखनऊ बुलाया है। इस फर्जीवाड़े से जुड़े मामले में भी हाईकोर्ट ने चार्ट और फ़ाइल मंगाई है। एसआईटी द्वारा विश्वविद्यालय कर्मचारियों को लखनऊ बुलाई जाने से आगरा। विश्व विद्यालय में खलबली मची हुई है।
B.Ed फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसआइटी ने जांच में पाया था कि चार्ट में कई पेज अलग से लगाए गए थे। बड़े स्तर पर रोल नंबर जनरेट किए गए। एक से डेढ़ लाख रुपये में ठेका लेकर फर्जी छात्रों को मार्कशीट बांटी गई थी। इस संबंध में लखनऊ की एजेंसी जिसने 2005 का रिजल्ट बनाया था, उससे डाटा लेकर चार्टों से मिलान किया गया जिसके बाद बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था और फर्जी रोल नंबर की लंबी सूची तैयार की गई।
बताया जाता है कि बीएड सत्र 2005 में 5186 फर्जी छात्र सामने आए थे। इस सूची को बेसिक शिक्षा विभाग को भी दिया गया था। कई जिलों में शिक्षकों की बर्खास्तगी भी हुई। इस संबंध में एसआईटी की जांच लगातार चलती रही। इस फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपियों तक पहुंचने से पहले ही आठ कर्मचारियों को जेल भी भेजा जा चुका है। इन सभी पर फर्जी सत्यापन का आरोप था। बीच में लंबे समय तक एसआईटी की तरफ से कोई जानकारी नहीं हुई, कोरोना काल में भी कोई सूचना नहीं आई। अब एसआईटी ने फिर से पत्र लिखकर इस मामले को हवा दे दी है और 12 कर्मचारी लखनऊ तलब किए गए हैं। बताया जाता है कि लखनऊ बुलाए गए कर्मचारियों से 10 से 12 दिसंबर के बीच पूछताछ होगी।
इस मामले को लेकर पिछले दिनों हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने 15 दिसंबर तक चार्ट और फ़ाइल जमा करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि छात्रों को क्यों परेशान किया जा रहा है, जो मुख्य आरोपी हैं उन्हें सामने लाया जाए।