आगरा। चमकौर युद्ध और सरहिंद के शहीदों को नमन करने के लिए एक “सरहिन्द पंजाब” (Sarhind Punjab) श्रद्धांजलि यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। अभियान फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह श्रद्धांजलि यात्रा आगरा किला से फतेहगढ़ साहिब सरहिन्द पंजाब तक निकाली जाएगी। 25 दिसम्बर को आगरा किला (Agra Fort) से इस यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। इस संबंध में रविवार को संजय प्लेस स्थित एक होटल में श्रद्धांजलि यात्रा “सरहिंद पंजाब” यात्रा का पोस्टर विमोचन किया गया जिसमें संत बाबा प्रीतम सिंह मुख्य रूप से मौजूद रहे। आयोजकों ने इस यात्रा के संबंध में पूरी जानकारी दी।
अभियान फाउंडेशन के अध्यक्ष और यात्रा के संयोजक रवि दुबे ने बताया कि हिन्दु धर्मरक्षक गुरू गोविन्द सिंह जी और उनके चार वीर पुत्र बाबा अजीत सिंह, बाबा जु़झारू सिंह, बाबा ज़ोरावर सिंह और बाबा फ़तेहसिंह के
राष्ट्र के लिए उनके बलिदानों को भुलाया नहीं जा सकता है लेकिन युवा पीढ़ी व आम जनमानस आज भी इनके बलिदान से अनभिज्ञ है। गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों का बलिदान देश के कण कण में मौजूद है। चमकौर युद्ध हो या फिर पंजाब का सरहिंद, यहां पर राष्ट्र के लिए शहीद हो जाने का यह परमोत्कृष्ट उदाहरण है। अभियान फाउंडेशन ने देश के ऐसे अनगिनत राष्ट्र नायकों को देश के सभी पाठ्यक्रमों में शामिल कराने का बीड़ा उठाया है। यही वजह है कि सरहिंद के शहीदों के प्रति जनजागरण औऱ श्रद्धांजलि के लिए 25 दिसम्बर से 4 दिवसीय ‘सरहिन्द पंजाब’ यात्रा निकाली जा रही है।
यात्रा संयोजक रवि दुबे ने बताया कि इस यात्रा के माध्यम केन्द्र सरकार से मांग की जाएगी कि गुरू गोविन्द सिंह जी और उनके परिवार के बलिदान की अमिट स्मृतियों हेतु, भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य व जानकारी को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने सरकार के सामने सात सूत्रीय मांगों को भी रखे जाने की बात कही है जिनमें 14 नवंबर को बाल दिवस न मनाकर, गुरू गोविन्द सिंह जी के शहीद पुत्रों की स्मृति में 26 दिसम्बर को शहीदी दिवस के रुप मे मनाया जाए। कक्षा 6 वीं से 8 वीं कक्षा तक के शैक्षिक पाठ्यक्रमों व सभी बोर्ड के पाठ्यक्रम में ‘चमकौर युद्ध’ को शामिल किया जाए। फतेहगढ़ साहिब से लेकर पटना साहिब तक एनएच-2 का नाम ‘माता गुजर कौर राजमार्ग’ किया जाए। गुरू गोविन्द सिंह जी व उनके परिवार का चरित्र 10वीं से 12वीं कक्षा तक के सभी पाठ्यक्रमों व सभी बोर्ड में शमिल किया जाए। चमकौर तथा फतेहगढ़ साहिब ‘सरहिन्द पंजाब’ में अन्तराष्ट्रीय स्तर का स्मारक गुरू गोविन्द सिंह जी के चारो पुत्रों की स्मृति में बनाया जाये। भविष्य में कोई भी नया उपग्रह, लड़ाकू विमान, अथवा नए वैज्ञानिक अविष्कार का नामकरण गुरू गोविन्द सिंह के चारों शहीद पुत्र के नाम पर किया जाए। गुरू तेज बहादुर सिंह जी के 400वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में दिल्ली मेट्रो के ‘राजीव चौक’ स्टेशन का नाम बदलकर ‘गुरूतेग बहादुर चौक’ किया जाये।
अभियान के सचिव व यात्रा के सह संयोजक संक्रेश शर्मा ने बताया कि ‘सरहिन्द पंजाब यात्रा’ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब चार राज्यों से जुड़ें शहरों आगरा, फरह, मथुरा, कोसी, होडल, पलवल, बल्लभगढ़, फरीदाबाद, दिल्ली, सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरूक्षेत्र, अम्बाला, राजपुरा से गुजरकर फतेहगढ़ साहिब ‘सरहिन्द पंजाब’ पहुंचेगी। यात्रा 4 राज्यों के 17 शहरों व सैकड़ों गाँव से होकर गुजरेगी।
सह संयोजक भूपेंद्र ठाकुर ने कहा कि आगरा किला से 25 दिसंबर को आरम्भ होने वाली इस यात्रा का शुभारम्भ आगरा किला से होकर बिजलीघर, श्यामजी मंदिर, जिला चिकित्सालय, स्टेट बैंक क्रांसिग, कलैक्ट्रेट , धाकरान , नालबंद , राजामंडी, सेंट जाॅन्स, हरीपर्वत, सूरसदन, दीवनी से भगवान टाॅकीज चैराहे से गुरू का ताल गुरूद्वारा पर मत्था टेक अपने गंतव्य को रवाना होगी।
यात्रा प्रभारी बंटी ग्रोवर ने बताया कि आगरा किले से गुरूद्वारा गुरू का ताल तक नगर भर में यात्रा का भव्य स्वागत विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक संस्थाओं सहित बाजार कमेटियों, व्यापारियों व सभी धर्म प्रेमीयों द्वारा किया जायेगा।
पोस्टर विमोचन बाबा प्रीतम सिंह, उद्योगपति पूरन डावर, रेल अधिकारी सुरेंद्र सिंह, श्री कृष्ण गौशाला के अध्य्क्ष गिरधारी लाल भगत्यानी, शांति सेना की अध्य्क्ष वत्सला प्रभाकर, गुरनाम सिंह, राइडर क्लब के सुमित सिंह, डॉ. डी. वी. शर्मा, महंत योगेश पुरि, धन कुमार जैन, उपाध्यक्ष छावनी परिषद डॉ. पंकज महेंद्रु, सुग्रीव सिंह, सिंधी सेंटरल पंचायत के जयराम दास, महेश मंघरानी, जे पी धर्माणी, जयराम दास होतचंदानी आदि मौजूद रहे।