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झटका : आगरा विश्वविद्यालय और एसएन मेडिकल कॉलेज का 82 साल का साथ टूटा, जाने क्यों

by admin
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आगरा स्थित डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में पिछले कई सालों से समस्याओं का अंबार बना हुआ है। विशेष तौर पर यहां प्रवेश, परीक्षा और परिणाम समय पर नहीं होते जिसके कारण विश्वविद्यालय में सभी काम लेटलतीफी से होते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर प्रोफेशनल कोर्सों पर पड़ता है जिसके कारण छात्र छात्राएं लगातार अपनी समस्याओं को लेकर विश्वविद्यालय के चक्कर काटते रहते हैं। जिसके चलते कई बार उनका भविष्य भी दांव पर लग जाता है। इन समस्याओं के चलते शासन ने एसएन मेडिकल कॉलेज को आगरा विश्वविद्यालय से अलग करने का फैसला ले लिया है।

उत्तर प्रदेश शासन ने एसएन मेडिकल कॉलेज को अब लखनऊ की अटल बिहारी वाजपई मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध कर दिया है। इसके बाद एसएन मेडिकल कॉलेज को परीक्षा और परिणाम में होने वाली लेटलतीफी से छुटकारा मिल जाएगा। बताते चलें कि आगरा एसएन में एमबीबीएस कोर्स को पहले ही अटल बिहारी वाजपई मेडिकल यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध किया जा चुका है। इस फैसले के बाद अब नर्सिंग से जुड़े सभी कोर्स लखनऊ के राजकीय मेडिकल कॉलेज से संबद्ध कर दिए गए हैं।

प्राचार्य डा. गुप्ता ने बताया कि नर्सिंग कालेज की संबद्धता के बाद हलवाई की बगीची में बन रहे नए परिसर में पैरामेडिकल कालेज शुरू करने की योजना है। एसएन मेडिकल कालेज में एक विभाग और बाकी के आठ विभाग हलवाई की बगीची वाले परिसर में संचालित होंगे। इससे पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को पूरा किया जा सकेगा। सत्र 2021-22 के लिए अटल विश्वविद्यालय से संबद्धता मिल सकती है। इस हफ्ते अनुमोदन मिल जाएगा। 2020-21 के छात्रों की परीक्षा और परिणाम की जिम्मेदारी उनके उत्तीर्ण होने तक आंबेडकर विश्वविद्यालय की ही होगी।

मेडिकल कालेज में कुल 18 पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम हैं। इनमें छात्रों की कुल संख्या 119 है। यह सभी पाठ्यक्रम जल्द ही अटल विश्वविद्यालय से संबद्ध किए जाएंगे। अटल विश्वविद्यालय की टीम ने मंगलवार को मेडिकल कालेज का निरीक्षण किया। दो सदस्यीय टीम ने यहां पीजी कोर्सों को संचालित करने के संसाधन, शिक्षकों की संख्या के मुताबिक छात्रों का अनुपात देखा। प्रयोगशालाओं की स्थिति को परखा। शिक्षक और छात्रों से भी बातचीत की।

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