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शर्म करो, साहब मरीज की स्ट्रेचर नहीं, चाय पहुंचाने मरीज के रास्ते तीन मंजिल तक फर्राटे भर्ती है एक्टिवा

by pawan sharma

आगरा। आगरा के जिला अस्पताल प्रशासन के लिए एक शर्मनाक खबर है। दरअसल आपको बताते चलें कि इलाज को आने वाले मरीज जहां जिला अस्पताल में एक कमरे से दूसरे कमरे के चक्कर काटते हैं।। यहां आने वाले मरीज और तीमारदारों को जिला अस्पताल प्रशासन की डांट फटकार सुनने को मिलती है। तो वही स्ट्रेचर के लिए बनाई गई तीन मंजिला बिल्डिंग पर जाने वाली फिसलपट्टी पर चाय बेचने वाला एक्टिवा सवार फर्राटे भर रहा है। विश्वास नहीं तो आप खुद देख लीजिए।

कहां गए जिला अस्पताल के नियम कायदे और कानून

यहां आने वाले मरीज और तीमारदारों को नियम कायदे और कानून सीखने वाला जिला अस्पताल प्रशासन गांधारी बना हुआ है। जिला अस्पताल प्रशासन ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध रखी है। देखा यह जा रहा है कि जिन रास्तों का प्रयोग गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज और उनके तीन तीमारदारो को करना चाहिए।। वहां चाय बेचने वाला एक व्यक्ति एक्टिवा पर सवार होकर तीन मंजिल तक पहुंच जाता है।। जिला अस्पताल में मौजूद चिकित्सक, कर्मचारी एवं अन्य लोग इस चाय वाले को कुछ नहीं कहते। आखिर क्या वजह है कि जिला अस्पताल जहां दूसरों को नियम कायदे और कानून सिखाता है। तो वही इस एक्टिवा सवार के आगे जिला अस्पताल का प्रशासन बौना साबित हो रहा है।

कहा गया आगरा का ट्रैफिक विभाग

अगर आप जिला अस्पताल जा रहे हैं। और अपने अपने वाहन को ऐसी जगह पार्क किया है जहां आपके वहां के चलते जाम की स्थिति पैदा हो सकती है। तो ऐसी स्थिति में आगरा का यातायात विभाग के कर्मचारी तत्काल आपके वाहन के पास में आते हैं। नियम कायदे और कानून सिखाए जाते हैं।।तमाम दलीलें दी जाती है।। और फिर जब बस नहीं चलता तो यातायात नियमों के तहत कार्यवाही भी की जाती है। मगर सवाल इस बात का है कि आगरा के जिला अस्पताल में खुलेआम यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।।मरीज के जाने वाले रास्ते पर एक्टिवा फर्राटे भर रही है।। तीन मंजिल तक एक्टिवा से चाय बेची जा रही है। और यातायात विभाग इसे अनदेखा कर रहा है।

क्या है सी एम् एस का फर्ज

कोई कुछ भी करे। मगर जब बात जिम्मेदार लोगों की होती है तो फिर मामला जिला अस्पताल के सीएमएस पर आकर अटक जाता है। यहां जिम्मेदार अफसर भी अपना फर्ज दरकिनार कर रहे हैं।।लोगों का कहना है कि कई बार इसकी शिकायत सीएमएस से लेकर उच्च अधिकारियों को की गई। मगर अभी तक इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है। तो क्या माना जाए कि जिला अस्पताल आगरा किस जिम्मेदार अफसर सीएमएस और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी गांधारी बन गए है।

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