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सेक्सुअल एंड रिप्रोडक्टिव हेल्थ डे: अंतरा, छाया, माला एन और कंडोम अपनाएं, कई बीमारियों से बचाव पाएं

by admin
Sexual and Reproductive Health Day: Adopt Antara, Chhaya, Mala N and condoms, get protection from many diseases

आगरा। परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों में सेहत का खजाना भी छिपा हुआ है। यह साधन परिवार को सीमित रखने में तो मदद करते ही हैं, इनसे कई प्रकार की बीमारियों से भी बचाव होता है। विशेषज्ञों का भी मानना है कि अंतरा, छाया, माला एन और कंडोम परिवार सीमित रखने के अलावा महिलाओं और पुरुषों को स्वस्थ जीवन भी प्रदान करते हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि प्रजनन स्वास्थ्य में पुरुष भागीदारी का अस्थायी साधन कंडोम यौन संक्रमण से भी बचाता है। इसके प्रयोग से यौन रोगों से बचाव होता है। एचआईवी/एड्स जैसी बीमारी से बचाव में कंडोम की अहम भूमिका है। सुरक्षित यौन संबंध के लिए इस साधन का चुनाव सबसे बेहतर विकल्प है।

जिले में परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी डॉ. विनय कुमार का कहना है कि त्रैमासिक गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा से एनीमिया के प्रबंधन में मदद मिलती है, क्योंकि यह मासिक रक्तस्राव में निकलने वाले रक्त को कम करता है और मासिक धर्म में परिवर्तन जैसे मासिक धर्म का रुक जाना भी महिला को खून की कमी से बचाता है। इसी प्रकार माला एन गोली भी अत्यधिक या अनियमित मासिक रक्तस्राव व एनीमिया से बचाव करती है। यह अंडाशय और गर्भाशय कैंसर के जोखिम को और मुंहासों को भी कम करती है। इसी प्रकार साप्ताहिक गोली छाया स्तन कैंसर से बचाव करती है और हड्डियों के डिमिनरलाइजेशन से बचाव करती है ।

कई बीमारियों से बचाता है त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा

• यह मासिक धर्म में ऐंठन को कम करता है और पूर्व मासिक सिंड्रोम या तनाव को कम करता है।
• सौम्य स्तनरोग और डिंबग्रंथि सिस्ट को कम करता है।
• गर्भाशय ट्यूमर (फाइब्राएड) को कम करता है।
• लक्षणसूचक पैल्विक सूजन रोग (पीआईडी) की घटनाओं को कम करता है।
• एंडोमेरेटिक कैंसर और संभवतः डिंबग्रंथि के कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है।
• सिकल सेल एनीमिया के साथ महिलाओं में सिकल सेल की कमी को दूर करता है।

दो बच्चों के जन्म में अंतर भी सेहत का राज

राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के नोडल अधिकारी डॉ. पीके शर्मा बताते हैं कि दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर होना चाहिए। इससे मां और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य ठीक रहता है। कम अंतराल पर बच्चे की योजना बनाने से पहले बच्चे को भी सही पोषण नहीं मिलता और दूसरा बच्चा भी कमजोर हो जाता है। मां की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और वह कमजोर हो जाती हैं।

बच्चे की सही योजना है कारगर

डॉ. शर्मा ने बताया कि शादी के दो साल बाद ही बच्चे की योजना बनानी चाहिए ताकि शादी के बाद पति-पत्नी एक-दूसरे को भलीभाँति समझ लें और आर्थिक रूप से भी कुछ मजबूत हो जाएँ तभी बच्चे की योजना बनाएं। इससे बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास भी होता है। इसलिए शादी के तुरंत बाद बॉस्केट ऑफ च्वाइस में से सही साधन का चुनाव कर गर्भधारण को रोका जा सकता है। दो साल बाद जब भी बच्चे की योजना बनाएं, चिकित्सक की सलाह से मां को आयरन और कैल्शियम की गोलियों का सेवन जरूर कराएं।

निःशुल्क उपलब्ध हैं सभी साधन

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक कुलदीप भारद्वाज ने बताया कि जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर साप्ताहिक गोली छाया, गर्भनिरोधक गोली माला एन और कंडोम निःशुल्क उपलब्ध हैं। सभी सीएचसी, पीएचसी, यूपीएचसी और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर अंतरा इंजेक्शन की सुविधा भी निःशुल्क है। इन सुविधाओं का लाभ लेने के लिए लाभार्थी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता व एएनएम की मदद ले सकते हैं। इस विषय पर जनजागरूकता के लिए प्रत्येक वर्ष 12 फरवरी को सेक्सुअल एंड रिप्रोडक्टिव हेल्थ डे मनाया जाता है।

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