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देखिए, डॉ. रामशंकर कठेरिया की टिकट कटने पर क्या बोले प्रो. एस पी सिंह बघेल

by pawan sharma

आगरा। सोमवार को आगरा सुरक्षित लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल करने के बाद भाजपा प्रत्याशी प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल पत्रकारों से रूबरू हुए। पत्रकारो से वार्ता के दौरान उनका कहना था कि उन्हें भारतीय संस्कृति, सभ्यता, धर्म, भगवान, अध्यात्म, देवी देवता और ज्योतिष में पूर्ण विश्वास है। इसलिय मुहूर्त के अनुसार ही आज नामांकन किया है।

पत्रकारो की ओर से मौजूदा सांसद रामशंकर कठेरिया के नाराज होने के प्रश्न पर उन्होंने सादगी से जवाब देते हुए कहा कि ऐसी कोई बात नही है। अगर वह रूठे हैं तो उन्हें रूठना नही चाहिए। भाजपा ने इस बार उनका टिकट काटा है तो भाजपा ने ही उन्हें दो बार सांसद भी बनाया है। आगरा लोकसभा प्रत्याशी इतने पर ही नही रुके। उन्होंने प्रतिक्रियाएं व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा ने सांसद रामशंकर कठेरिया को जिला महासचिव से लेकर राष्ट्रीय महासचिव तक बनाया जो पार्टी में बहुत बड़ा पद होता है। उन्हे केंद्रीय मंत्री पद से भी नवाजा। बाद में किन्ही कारणों से उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया। लेकिन इसके बावजूद भी भाजपा हाई कमान ने उन्हें एससी आयोग का चैयरमैन बनाया जो बहुत बड़ा पद है जिस पर वो अभी दो साल तक और रहेंगे। प्रत्याशी एसपी से बघेल ने कहा कि उनसे उम्मीद है कि जितना बीजेपी ने उनके लिए किया है अब वो उतना पार्टी और पार्टी के प्रत्याशियों के लिए काम करेंगे।

बताते चलें कि पिछले दिनों प्रदेश सरकार में कबीना मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और आगरा से मौजूदा सांसद रामशंकर कठेरिया के बीच धनगर समाज के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र को लेकर विवाद शुरु हुआ था और तभी से दोनों के बीच दूरियां बढ़ गयी थी जो किसी से छिपी नहीं है। समय-समय पर यह दोनों एक ही पार्टी में रह एक दूसरे के खिलाफ बयान देकर पार्टी की फजीहत कराते रहे हैं। अब जहां भाजपा आलाकमान ने आगरा के मौजूदा सांसद डॉ राम शंकर कठेरिया की टिकट काटते हुए उनके प्रतिद्वंदी प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल को टिकट देकर प्रत्याशी बनाया है। उसके बाद से दोनों के बीच तल्खियां और तेज हो गई है और दलित समाज भी मौजूदा सांसद की अनदेखी के चलते विरोध पर उतर आया है।

आने वाले दिनों में दोनों के बीच दूरी के कारण आगरा में होने वाले चुनाव में कहीं पार्टी की फजीहत न हो जाये इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है। अब भाजपा आलाकमान को देखना होगा पार्टी के इन दोनों बड़े नेताओं के बीच पार्टी कैसे आपसी सामंजस्य बैठा पाती है।

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