अरब सागर में उठे भयानक चक्रवाती तूफान ताउ-ते (Cyclone Tauktae) के बाद समुद्र में फंसे बार्ज P-305 जहाज का रेस्क्यू मिशन लगातार जारी है। बता दें भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने जहाज में फंसे 273 लोगों में से 186 को रेस्क्यू कर लिया है ,वहीं अरब सागर से 26 लोगों के शव बरामद किए गए हैं । हालांकि अभी 61 लोगों के शव लापता हैं। नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि दो अन्य बजरों और एक ऑयल रेट पर मौजूद सभी लोग सुरक्षित हैं। अधिकारियों का कहना है कि बजरे एस एस 3 पर मौजूद 196 लोग और ऑयल रिग सागर भूषण पर मौजूद 101 लोग सुरक्षित हैं। जबकि अभी भी लगातार रेस्क्यू मिशन जारी है।
भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने जहाज में फंसे 273 लोगों में से 186 को सुरक्षित बचा लिया है, जबकि अब तक 26 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। वहीं 61 लोग अभी भी लापता हैं। अधिकारियों का कहना है कि बदले एसएस,3 पर मौजूद 196 लोग और ओएनजीसी तथा एससीआई के पोतों के माध्यम से लोगों को सुरक्षित लाया जा रहा है।बचाव एवं राहत कार्यों में मदद के लिए क्षेत्र में आईएनएस तलवार भी तैनात है। इसके अलावा आईएनएस तेग, आईएनएस बेतवा, आईएनएस ब्यास, पी81 विमान और हेलीकॉप्टरों की मदद से तलाश एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि बजरा जहाज चक्रवात के कारण मुंबई के तट से थोड़ी दूरी पर समुद्र में फस गया था और फिर डूब गया। जिसके बाद जवानों ने बजरे P-305 पर मौजूद 273 लोगों में से 186 को बचा लिया है।जबकि इसमें से दो लोगों को ‘ठगबोट’ वारप्रदा द्वारा बचाया गया है।बता दें प्रधानमंत्री ने बुधवार को गुजरात और दीव में तूफान के कारण हुए नुकसान का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने बजरे में फंसे लोगों की तलाश में चलाए जा रहे अभियान की भी जानकारी ली। पीएम ने ताउते तूफान के कारण सभी राज्यों के मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा भी की। दरअसल चक्रवाती तूफान की सूचना मिलने से पहले ओएनजीसी के तेल क्षेत्र मुंबई हाई में तीन बजरों में एक आयल रिग में 707 लोग मौजूद थे। इनमें एक बजरे जीएएल कंस्ट्रक्टर से 137, बजरे एसएस-3 से 196 और ड्रिलिंग रिग सागर भूषण से 101 लोगों को पहले ही सुरक्षित निकाल लिया गया था।
कहा जा रहा है कि आयल रिंग में फंसे लोगों को बचाने के चलते पापा-305 का लंगर छूट गया और वह बहने लगा। नौसेना और कोस्टगार्ड की मदद जब तक पहुंचती, तब तक बजरे पर सवार लोग लाफ जैकेट पहनकर समुद्र में कूद चुके थे। खराब मौसम और घना अंधेरा होने के चलते उन्हें बचाना मुश्किल हो गया था। ताउते चक्रवात के मुंबई से गुजर जाने के बाद भी समुद्र में 8 से 10 मीटर ऊंची ऊंची लहरें देखी जा रही है अलावा इसके दृश्यता नगण्य हो चुकी है।