आगरा। बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खूब पढ़ो खूब बढ़ो अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान के माध्यम से प्राथमिक स्कूलों में बेहतर शिक्षा देने का वायदा किया गया था लेकिन प्रधानमंत्री के इस अभियान की शिक्षा विभाग के अधिकारी धज्जियां उड़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
फतेहपुर सीकरी क्षेत्र के काँदऊवार प्राथमिक विद्यालय में आजकल कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। इस विद्यालय में एक ही अध्यापक है लेकिन डेढ़ सौ से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस स्कूल में कक्षा आठ तक कक्षाएं चलती है लेकिन इस स्कूल के बच्चों को अध्यापक नहीं बल्कि रसोई में काम करने वाले रसोईया और स्कूल की साफ सफाई करने वाले सफाई कर्मी बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं।
बच्चों को शिक्षित करने वाले इन लोगों की शिक्षा के बारे में आप जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे। यह मात्र रसोई में काम करने वाली महिला कक्षा 2 तक पढ़ी है तो वहीं सफाई करने वाले सफाई कर्मी ने कक्षा 5 तक शिक्षा ग्रहण की है। अब आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि जब यह लोग भारत के सुनहरे भविष्य को शिक्षा दे रहे होंगे तो उन्हें कैसी शिक्षा मिल रही होगी। यानी जिन लोगों को अभी शिक्षा की जरूरत है वह बच्चों को शिक्षित बनाने का कार्य कर रहे हैं।
इस स्कूल में अध्यापकों की कमी है। इस बात से शिक्षा विभाग के अधिकारी और जनप्रतिनिधि अनभिज्ञ नहीं है लेकिन इसके बावजूद भी इस स्कूल में अध्यापक की व्यवस्था कराने में किसी को भी रुचि नहीं है। अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस स्कूल में छात्रों को क्या शिक्षा मिलती होगी और अपनी रिपोर्ट में यह अधिकारी और जनप्रतिनिधि क्या दर्शाते होंगे।