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यमुना पार में रेलवे ने चलाया अतिक्रमण हटाओ अभियान, लोगों ने क्षेत्रीय पार्षद पर लगाये ये आरोप

by admin
Railway cross encroachment campaign across Yamuna, people accuse regional councilor

Agra. अपनी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए रेलवे विभाग की ओर से यमुनापार स्थित यमुना ब्रिज रेलवे स्टेशन के पास अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान रेलवे विभाग के महाबली ने गरीब लोगों के आशियाने भी उजाड़ दिए। लोगों को अपने घरों का सामान भी निकालने का समय नहीं मिला। रेलवे की इस कार्यवाही से पीड़ित लोगों में रेलवे के प्रति रोष भी देखने को मिला। पीड़ितों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के इस समय जब सरकार गरीबों की मदद करने में जुटी हुई है तो वहीं रेलवे उनके आशियाने को उजाड़ने में लगा हुआ है।

रेलवे इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने आरपीएफ व स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में यमुना ब्रिज रेलवे परीक्षेत्र में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। मोती महल से मेहताब बाग रोड के पास रेलवे भूमि पर बने अस्थाई झुग्गी झोपड़ियों, खोखे व दुकानों एवं कछपुरा रोड पर बने अवैध निर्माणों को रेल विभाग के महाबली ने ध्वस्त करा दिया। रेलवे विभाग का महाबली नगला देवजीत के नीम वाली दरगाह में बने शौचालय पर भी जमकर गरजा और शौचालय को भी पूरी तरह से तोड़ दिया जिसके बाद लोगों ने जमकर हंगामा भी काटा लेकिन रेलवे के अधिकारी और उनका महाबली नहीं रुक सका। इस कार्रवाई के माध्यम से रेल विभाग ने लगभग 35 वर्ग मीटर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया।

Railway cross encroachment campaign across Yamuna, people accuse regional councilor

इस दौरान जिन लोगों के आशियाने उजाड़े गए उन्होंने रेल विभाग की इस कार्रवाई का जमकर विरोध किया। उनका कहना था कि रेलवे की जमीन पर क्षेत्रीय पार्षद हरिमोहन ने भी कब्जा कर रखा है, रेलवे की भूमि पर पार्क बना लिया है तो वहीं रेलवे की दीवार को तोड़कर दरवाजा भी निकाल लिया है। रेलवे के अधिकारियों को यह सब दिखाई नहीं देता। दिखाई दे रहा है तो उसे गरीबों की झुग्गी झोपड़ी जो रेलवे की जमीन पर उन्हें नजर आ रही हैं।

पीड़ित गंगा देवी का कहना था कि यह पूरी कार्रवाई क्षेत्रीय पार्षद के कारण ही की गई है। वह तो पहले से ही फुटपाथ पर रह रहे थे। बस उन्होंने फुटपाथ के नारे झुग्गी झोपड़ी बना ली थी और रेलवे अधिकारियों ने उसे भी आज तोड़ दिया है। पीड़ितों का कहना है कि इस पूरे मामले में पार्षद ने उनका कोई भी पक्ष नहीं रखा बल्कि खड़े होकर रेलवे अधिकारियों के साथ सभी गरीबों के आशियाने को उजड़वाते रहे।

एक पीड़ित का कहना था कि यह समय कोई कार्यवाही का नहीं था। इस समय व्यक्ति कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से पीड़ित है। ऐसे में सरकार खुद गरीब लोगों की मदद के लिए आगे आ रही है तो रेलवे विभाग को कोरोना के समय में ही अपनी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने की याद आई है।

बताया जाता है कि इस घटना के बाद पूर्व विधायक डॉक्टर धर्मपाल भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने इस मामले में जिलाधिकारी से वार्ता की और इन गरीब लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिलाए जाने की मांग की।

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