Agra. बीती रात ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) का निधन हो गया वो 96 वर्ष की थी। एलिजाबेथ द्वितीय भी मोहब्बत की निशानी ताजमहल की कायल थी। उन्होंने मोहब्बत की निशानी ताजमहल का दीदार किया था। एलिजाबेथ द्वितीय सन 1961 में भारत की पहली यात्रा पर आई थी। उनके साथ प्रिंस फिलिप भी मौजूद थे। उसी यात्रा के दौरान उन्होंने संगमरमरी ताजमहल का दीदार किया था। दिन की खूबसूरती में उन्होंने ताज देखा ही वहीं रात्रि दर्शन भी किये। करीब 60 साल पहले हुए आगरा के इस दौरे की तस्वीरें आज भी सहेजकर रखी गयी हैं।
गणतंत्र दिवस समारोह में हुई थी शामिल
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय पहली बार प्रिंस फिलिप (ड्यूक आफ एडिनबर्ग) के साथ जनवरी, 1961 में भारत की छह सप्ताह की यात्रा पर आई थीं। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह 30 जनवरी, 1961 को ताजमहल व आगरा किला देखने आगरा आई थीं। ताजमहल में वह करीब एक घंटे और आगरा किला में 50 मिनट तक रुकी थी।
रॉयल गेट से निहारा था ताज
ताजमहल से निकलते समय रायल गेट के नजदीक खड़े होकर वह स्मारक को निहारती रही थीं। उन्होंने रात नौ बजे के बाद भी करीब एक घंटे तक धुंधले चांद की रोशनी में ताजमहल निहारा था। ताजमहल भ्रमण के दौरान महारानी एलिजाबेथ ने फिरोजी रंग की ड्रेस और सफेद रंग का हैट लगाया था। यहां भ्रमण के दौरान विजयलक्ष्मी पंडित (तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की बहन) उनके साथ रही थीं। आगरा किला में उनके भ्रमण को यादगार बनाने को वर्षों बाद फव्वारे चलाए गए थे। महारानी ने शीश महल और दीवान-ए-खास को भी निहारा था।
एप्रूव्ड टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष शम्सुद्दीन खान ने बताया कि आजादी के बाद भारत की यात्रा करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटेन की पहली साम्राज्ञी थीं। उनसे पूर्व उनके दादा सम्राट जार्ज पंचम और महारानी मैरी 1911 में दिल्ली दरबार में आए थे। तब भारत ब्रिटिश उपनिवेश था।
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