आगरा। साल में एक बार होने वाली उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की एनुअल जनरल मीटिंग में चर्चा में शामिल न किए जाने और अपनी बात न रख पाने से नाराज ताजनगरी के प्रमुख जूता व्यवसाई और एपेक्स कमेटी के सदस्य पूरन डावर ने कमेटी से हटने का फैसला कर लिया। पूरन डावर का कहना है कि साल में एक बार होने वाली इस एजीएम की मीटिंग में खानापूर्ति की गई। सभी को म्यूट कर सिर्फ एजेंडा बताकर मीटिंग को समाप्त कर दिया गया। जब चर्चा ही नहीं करनी है तो फिर सदस्यों का क्या काम है।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के बैनर तले पूरे साल भर क्या क्या गतिविधि हुई, आगे क्या करना है, यूपी क्रिकेट का वर्तमान हाल इस समय क्या है और इसको कैसे सुधारना है? इस पर चर्चा करने के लिए एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) बुलाई जाती है। इस मीटिंग में चयन समिति, एंपायर समिति, एपेक्स कमेटी के सदस्य चर्चा करते हैं। आगरा से पूरन डावर भी इस कमेटी के सदस्य थे।
पूरन डावर ने बताया कि कोरोना के चलते इस बार ऑनलाइन मीटिंग कराई गई। 17 सदस्यों में से 8 सदस्य ही शामिल हुए। मीटिंग में सभी को म्यूट कर दिया गया और सिर्फ एजेंडा पढ़ा गया। उत्तर प्रदेश की क्रिकेट को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। इसलिए चर्चा में शामिल न किए जाने और अपना पक्ष न रख पाने पर उन्होंने कमेटी से इस्तीफा दे दिया है।
इस मामले में यूपीसीए के कार्यवाहक सचिव मोहम्मद फहीम का कहना है कि पूरन डाबर सितंबर महीने में ही 70 साल के हो गए थे। इस कारण उनकी सदस्यता पहले ही समाप्त हो चुकी है। इस्तीफा देने का कोई मतलब नहीं है। सदस्यों को म्यूट किए जाने का आरोप गलत है।