Agra. ‘सर जी, चाची की तबियत ज्यादा खराब है। पेट में दर्द है। चिकित्सक ने अल्ट्रासाउंड लिखा है लेकिन अल्ट्रासाउंड कराने के लिए आये तो पर्चे पर पांच दिन के बाद डेट दे दी है। ऐसे में अगर चाची को कुछ हो गया तो क्या होगा।’ आगरा जिला अस्पताल में निरीक्षण के दौरान यह सुनकर प्रमुख सचिव के कान खड़े हो गए। उन्होंने जिला अस्पताल के जिम्मेदारों की तरफ देखा तो वे सफाई देने लगे। विशेष सचिव प्रशासनिक सुधार ने तुरंत उसका अल्ट्रासाउंड कराने के निर्देश दिए।
आगरा जिला अस्पताल प्रशासन के उस समय होश उड़ गए जब उन्हें एक मैसेज मिला कि विशेष सचिव प्रशासनिक सुधार एवं लोक सेवा प्रबंधन राजाराम जिला अस्पताल का दौरा करने के लिए आ रहे हैं। जिला अस्पताल प्रशासन ने तुरंत व्यवस्थायें दुरुस्त कराई। लगभग 11:30 बजे प्रमुख सचिव जिला अस्पताल पहुँच गए। प्रमुख सचिव ने अस्पताल में प्रवेश करते हुए टीबी रोग ओपीडी की जांच पड़ताल की। ओपीडी ठीक चल रही थी, तभी उन्होंने मरीजों से वार्ता की तो पता चला कि कुछ लोगों को पता ही नहीं कि यह कौन सा वार्ड है। इस पर उन्होंने पम्पलेट लगवाने के निर्देश दिए। इसके बाद ऑर्थोपेडिक की ओपीडी देखी फिर एक्सरे रूम पहुँच गए। एक्सरे रूम के कर्मचारियों से प्रतिदिन कितने एक्सरे होते है और इसकी रिपोर्ट कब मिलती है जानकारी ली और इसकी पुष्टि करने के लिए मरीजों से वार्ता की। मरीजों से वार्ता कर वो संतुष्ट नजर आए।
विशेष सचिव प्रशासनिक सुधार अल्ट्रासाउंड रूम, अपराध से जुड़े मेडकिल रूम और उसके एक्सरे मशीन देखी। जैसे ही वह रूम के बाहर निकले एक तीमारदार ने उन्हें घेर लिया। अल्ट्रासाउंड की समस्या बताई। प्रमुख सचिव ने जिम्मेदारों की तरफ देखा तो सफाई दी कि मरीज ज्यादा होने पर डेट दे दी जाती है। वैसे ईडी में जो मरीज भर्ती होते है उन्हें प्राथमिकता दी जाती है। इस पर विशेष सचिव ने तुरंत उसका अल्ट्रासाउंड कराने के निर्देश दिए।
डेंगू वार्ड में मिली खामियां
प्रमुख सचिव पीकू और सर्जिकल वार्ड का निरीक्षण करने पहुँचे। वार्ड के बाहर बैठे मरीजों से उन्होंने वार्ता की और किस तरह का इलाज मिल रहा है इसकी जानकारी ली। मरीज के साथ आये तीमारदार ने कहा कि इलाज सही समय पर मिल रहा है। उनका मरीज ठीक हो रहा है साथ ही खान पान भी बेहतर है। डेंगू वार्ड का निरीक्षण करने के लिए पहुँचे। वार्ड की स्थिति देखकर प्रमुख सचिव बिखर गए। डेंगू वार्ड के के पीछे गंदगी थी तो झाड़ियां भी उग रही थी। ऐसे में वहां मच्छरों का होना लाजमी था। उन्होंने हॉस्पिटल मैनेजर को बुलाया और पीछे की गंदगी साफ करने के साथ-साथ झाड़ियां को कटवाने के निर्देश दिए।
पूरे जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद विशेष सचिव राजाराम जिला अस्पताल के रसोई घर जा पहुंचे। यहां पर उन्होंने मरीज को दिए जाने वाले खाने का मेन्यू देखा और फिर पूछा कि खाने में क्या-क्या दिया जाता है। इसका विवरण कर्मचारियों ने दे दिया लेकिन जब उनसे पूछा कि आज ब्रेकफास्ट में क्या दिया तो सभी एक दूसरे का चेहरा देखने लगे। क्योंकि जिला अस्पताल प्रशासन ब्रेकफास्ट तो किसी भी मरीज को देता ही नहीं। इस पर उन्होंने पूछ लिया कि क्या भर्ती मरीजों को बिना ब्रेकफास्ट के ही सुबह दवा दे दी जाती है। इस पर सभी सन्न रह गए। जिला अस्पताल के अधिकारियों ने विशेष सचिव को सफाई देते हुए कहा कि वह नॉर्म्स दिखवा लेंगे। अगर कुछ गलती है तो उसमें सुधार कर लिया जाएगा।