Agra. पुलिस महकमे में तैनात एक बड़े अधिकारी इन दिनों सुर्खियों में है। उनके द्वारा किया गया टीवी कांड इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। वो जिस सरकारी आवास में रहते हैं। उसके पास एक गरीब का घर है। गरीब के घर मे तेज आवाज में टीवी चल रहा था। साहब को यह नागवार गुजरा सिपाही भेजकर टीवी ही उठवा लिया। 2 दिनों से टीवी वापस लेने के लिए महिलाएं उनके ऑफिस के चक्कर काट रही हैं लेकिन साहब से मुलाकात ही नहीं हो पा रही है। सवाल यह है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई की है या फिर यह उसकी दबंगई है। इसका जवाब उनके बड़े अधिकारियों से पीड़ित महिलाएं मांग रही हैं।
तेजी से सुर्खियों में चल रही है यह घटना 2 दिन पुरानी बताई जा रही है। साहब नई उम्र के हैं और मिजाज भी थोड़ा गर्म है, पता नहीं कब किस पर किस बात पर गुस्सा हो जाएं। वो जिस सरकारी आवास में रहते हैं। उनके पास एक गरीब परिवार रहता है। गृह स्वामिनी का नाम जेपी है।
बताया जाता है कि मंगलवार की सुबह बच्चे ने तेज आवाज में टीवी में गाना चला दिया। साहब उठे और आवाज सुनकर तिलमिला गए। अपने चार सिपाहियों को गरीब के घर से टीवी उठा लाने के निर्देश दिए। सिपाही इस गरीब के घर पहुँचे और टीवी गाड़ी में रखा और ऑफिस ले आए। इतना ही नहीं टीवी को शहर के एक थाने में जमा करा दिया।
पीड़िता ने जैसे तैसे सिपाहियों का पता लगाया और टीवी वापसी की मांग की तो सिपाहियों ने भी साफ कह दिया कि इसके लिए साहब से मिलो। महिलाएं 2 दिन से पुलिस लाइन से पैदल साहब के कार्यालय आ रही हैं लेकिन साहब से मुलाकात नहीं हो पाती। इससे पीड़िता काफी परेशान है।
फिलहाल कुछ भी हो लेकिन नियम कानून की बात करने वाली पुलिस का उठाया गया यह कदम यह बताने को काफी है कि यह कोई कार्रवाई नहीं बल्कि पुलिस की दबंगई है। वैसे तो मामला ध्वनि प्रदूषण का बनता है तो इस मामले में उसी के तहत कार्रवाई होनी चाहिए थी लेकिन किसी के घर में घुसकर टीवी उठा लाना यह किस कानून में लिखा है। यह पीड़िता को समझ नहीं आ रहा। उसका कहना है कि छोटे और गरीब लोगों के साथ ऐसा ही होता है, इसीलिए पुलिस भी गरीबों पर ही दबंगई दिखा रही है।