यूपी के कासगंज सिढ़पुरा इलाके में 9 फरवरी को सिपाही की हत्या और सब इंस्पेक्टर को घायल करने की सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया गया था जिसका मुख्य आरोपी मोती सिंह पुलिस एनकाउंटर में ढेर हो गया।आरोपी के भाई को पुलिस ने पहले ही धर दबोचा था।एनकाउंटर के दौरान गोली लगने के बाद पुलिस मोती को जिला अस्पताल लेकर पहुंची लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सिपाही हत्याकांड के बाद मोदी पर पुलिस ने ₹100000 का नगद इनाम रखा था।
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सोनकर के मुताबिक एक लाख रुपए का इनामी मोती सिंह की रविवार तड़के सुबह करतला रोड काली नदी के पास सिढ़पुरा में पुलिस से मुठभेड़ हुई । इस दौरान मोती सिंह ने पुलिस पर गोली चला दी। वहीं जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई जिसमें एक गोली मोती को जा लगी। इसके बाद पुलिस उसे घायल हालत में जिला अस्पताल लेकर गई जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने बताया कि एनकाउंटर के दौरान मोती के पास से दरोगा की लूटी गई पिस्टल भी बरामद की गई है।बता दें कि मोती ही सिपाही देवेंद्र सिंह की हत्या का मुख्य आरोपी था। 9 फरवरी की रात शराब माफियाओं पर नकेल कसने के लिए पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी जहां पुलिस टीम पर हमला कर सिपाही की हत्या की गई थी और हमले में दरोगा घायल हुआ था। सिपाही की हत्या और पुलिस टीम पर हमले के मुख्य आरोपी शराब माफिया मोती और उसके भाइयों की गिरफ्तारी करने के लिए पुलिस उसके ठिकानों पर दबिश दे रही थी। मोती की गिरफ्तारी करने में पुलिस को आज सफलता हासिल हुई भाइयों की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी थी।
इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस ने अगले दिन कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी मोती धीमर के भाई एलकार को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया था तथा उसके मौसेरे भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी की मां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, घटना के 8 दिन बाद पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और अब मुख्य आरोपी की भी गिरफ्तारी हो चुकी है।