23 जनवरी यानी, नेताजी की जयंती एवं पराक्रम दिवस के अवसर पर कोलकाता में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।बता दें इस साल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती थी। हालांकि इस कार्यक्रम के दौरान भी दो अलग-अलग पार्टी के लोगों में तकरार देखने को मिली और हो भी क्यों नहीं क्योंकि 2 से ढाई महीने बाद वहां चुनाव होने जा रहे हैं।दरअसल करीब साल भर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक साथ दिखाई दिए लेकिन इसके बावजूद भी उनके बीच कोई बातचीत नहीं हुई।कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया लेकिन इस दौरान भी ममता दीदी प्रधानमंत्री मोदी के मंच से नाराज होकर ही वापस गईं।
जब मंच से भाषण के लिए ममता दीदी के नाम को पुकारा गया तभी उस समय भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाना शुरू कर दिया हालांकि इस दौरान कार्यक्रम का संचालन कर रहे लोगों ने उन लोगों को शांत करवाया लेकिन इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी माइक पर आ चुकीं थी।
वहीं ममता बनर्जी ने बेहद तल्ख लहजे में नाराजगी जताते हुए सिर्फ 35 सेकंड में अपनी बात रखें और कहा कि यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है। यह पब्लिक कार्यक्रम है। साथ ही कहा कि ‘ मैं कोलकाता में प्रोग्राम करने के लिए प्रधानमंत्री जी और संस्कृति मंत्रालय की आभारी हूं।लेकिन, किसी को बुलाकर इस तरह बेइज्जत करना शोभा नहीं देता। इसका विरोध करते हुए अब मैं कुछ नहीं बोलूंगी। जय हिंद, जय बांग्ला।’ इसके बाद मंच से वापस लौट कर अपनी कुर्सी पर बैठ गईं।
इसके बाद जब प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को मंच के माध्यम से संबोधित किया तो उन्होंने इस वाकये पर एक शब्द भी नहीं बोला कार्यक्रम के माध्यम से आजाद हिंद फौज के सदस्यों को सम्मानित किया गया ।यह कार्यक्रम करीब 3 घंटे तक चला और सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।