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किसानों को दिल्ली बॉर्डर से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी याचिका, 17 दिसंबर को होगी सुनवाई

by admin
Petition to remove farmers from Delhi border was filed in Supreme Court, hearing on December 17

केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ आंदोलनकारी किसानों के प्रदर्शन का गुरुवार को 22वां दिन है। हालांकि अभी तक केंद्र सरकार और किसानों के बीच हुई बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है। इस वार्ता के दौर में ना तो सरकार कानून वापस लेने के लिए ही संकेत दे रही है और ना ही किसान प्रदर्शन छोड़ने के लिए तैयार हैं। इस कड़कड़ाती ठंड में आंदोलनकारी किसान लगातार दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं।

आपको बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। दरअसल बुधवार को दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों को तुरंत हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई थी। इस दौरान याचिकाकर्ता ने शाहीन बाग मामले का हवाला दिया। लेकिन इस पर भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा, ‘कानून-व्यवस्था के मामले में कोई मिसाल नहीं दी जा सकती है।’

इसलिए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को बॉर्डर से हटाए जाने की याचिका पर सुनवाई का फैसला किया था। वहीं मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम की खंडपीठ ने बुधवार को इस पर सुनवाई भी की थी लेकिन इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले को लेकर केंद्र सरकार, पंजाब और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था और सुनवाई को अगले दिन के लिए टाल दिया था ।

कानून की पढ़ाई करने वाले छात्र ऋषभ शर्मा ने यह याचिका दायर की थी। इस याचिका में उन्होंने दिल्ली बॉर्डर से किसानों को हटाने की मांग है। साथ ही कहा गया है कि लोगों के इकट्ठा होने से कोरोना के संक्रमण का खतरा और ज्यादा बढ़ेगा। आगे याचिका में कहा गया कि लोगों को हटाना अति आवश्यक है, क्योंकि इससे सड़कें ब्लॉक हो रही हैं इसके साथ ही इमरजेंसी और मेडिकल सर्विस भी बाधित हो रहीं हैं। आंदोलनकारी किसानों को सरकार द्वारा तय किए गए स्थान पर स्थानांतरित कर देना चाहिए, साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना अनिवार्य होना चाहिए।

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