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मोतीगंज गेट पर विशेष समुदाय के लोगों ने सरकारी जमीन पर किया कब्ज़ा, ‘अभाहिप’ ने खोला मोर्चा

by admin
People of special community occupied government land at Motiganj Gate, 'ABHP' opened front

Agra. प्रशासनिक अमले की कार्रवाई के बावजूद सरकारी जमीनों और बरसों पुराने तालाबों पर कब्जा करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रशासन पुराने तालाबों और पोखरों की जमीन से अवैध कब्जे हटाने के प्रयास में लगा हुआ है लेकिन परिणाम सार्थक नहीं आ रहे हैं। इसके चलते अब अखिल भारत हिंदू परिषद के कार्यकर्ता अवैध कब्जे को लेकर मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे हैं।

ताजा मामला थाना छत्ता क्षेत्र के छत्ता बाजार मोतीगंज गेट का है। यहां पर एक प्राचीन कुआं हुआ करता था जो सरकारी जमीन पर बना हुआ था। भू माफियाओं ने धीरे-धीरे करके पहले तो कुएं को समाप्त कराया। फिर यहां पर सरकारी हेडपंप लगवाया अब भू माफियाओं ने विभागीय सांठगांठ कर उसे भी हटवा दिया है। अब इस सरकारी जमीन पर कब्जा करने में जुटे हुए हैं।

दशकों पुराना था कुआं

प्राचीन समय में पानी के लिए लोग कुएं का ही उपयोग किया करते थे लेकिन जैसे-जैसे समय बदला कुएं खत्म होते चले गए और उनकी जगह हैडपम्प लगा दिए गए। लेकिन सरकारी जमीन पर लगे हेड पंप को भी भूमाफियाओ ने उखाड़ दिया है और इस पूरी सरकारी जमीन को समतल कर उसे अपने निजी स्वार्थ के लिए उस पर कब्जा किया जा रहा है। लोगों ने बताया कि विशेष समुदाय के दुकानदार ने धीरे-धीरे इस सरकारी जमीन पर निर्माण शुरू कर दिया है जिससे कोई विरोध न कर सके लेकिन कुएं की सरकारी जमीन को किसी भी तरह से कब्जा नहीं करने दिया जाएगा।

विशेष समुदाय के लोग कर रहे हैं कब्जा

संजय जाट का कहना है कि सरकारी जमीन पर विशेष सामुदायिक लोग कब्जा कर रहे हैं। धीरे धीरे पहले कुएं और नल को समाप्त कराया गया और फिर उसके बाद उसे समतल कर उसे अपने निजी स्वार्थ में लिया जाने लगा है। बताते चलें कि मोतीगंज में इस विशेष समुदाय के युवक की दुकान है और उसी ने ही कुएं की जमीन पर कब्जा कर निर्माण कराना शुरू कर दिया है।

डीएम आगरा से होगी शिकायत

संजय जाट का कहना है कि इस पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की जाएगी और उनसे इस सरकारी जमीन को खाली कराने की मांग करेंगे। अगर जिला प्रशासन इस मांग पर ध्यान नहीं देता है तो फिर हिंदूवादी खुद सरकारी जमीनों पर हो रहे कब्जे के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए मजबूर होंगे।

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