Home आगरा सुलहकुल के चादर जुलूस में सर्व समाज के लोगों ने लिया भाग, अमन-चैन की मांगी दुआ

सुलहकुल के चादर जुलूस में सर्व समाज के लोगों ने लिया भाग, अमन-चैन की मांगी दुआ

by admin

Agra. अबुल उलाई सरकार ए सैयदना रहमतुल्ला की 383वें उर्स के अवसर पर बेगम डियोड़ी पायचौकी से अबुल उलाई शेख कमेटी की ओर से सुलहकुल की चादर जुलूस निकाला गया। इस चादर जुलूस में सर्व समाज के लोगों ने भाग लिया। सभी ने जुलूस में शामिल होकर चादर को अपने हाथों से पकड़ा और सरताज आगरा के नारे लगाने लगे। सर्व समाज के लोगों ने इस जुलूस में शामिल होकर हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल दी और आपकी भाईचारा और मोहब्बत यूंही बनाये रखने की सभी से अपील भी की।

सर्व समाज के लोगों का हुआ स्वागत

पायचौकी से अबुल उलाई सरकार ए सैयदना रहमतुल्लाह के उर्स पर चादर जुलूस के शुरू करने से पहले अबुल उलाई शेख कमेटी की ओर से मुख्य अतिथियों और सर्व धर्म के प्रबुद्ध जनों का सम्मान किया गया था। मुख्य अतिथि के रूप में हाजी शब्बीर, समी आगाई, सैयद इरफान अहमद सलीम, मोहम्मद जाहिद मुख्य रूप मौजूद रहे। कमेटी की ओर से बुंदन मियां ने सभी मुख्य अतिथियों का साफा बांधकर स्वागत किया। स्वागत सत्कार के बाद ही चादर जुलूस की शुरुआत हुई।

सूफी बूंदन मियां के नेतृत्व में निकाला जाता है जुलूस

अबुल उलाई शेख कमेटी की जानिब से हर वर्ष बुंदन मियां के नेतृत्व में यह चादर जुलूस निकाला जाता है। कोविड काल में यह चादर जुलूस नहीं निकल पाया था लेकिन अब संक्रमण की रफ्तार कम हुई तो फिर अकीदतमंदो की ओर से यह जुलूस निकाला गया। पाय चौकी से शुरू हुआ चादर जुलूस अब्बू लाला दरगाह पर जाकर समाप्त हुआ, जहां पर सभी लोगों ने सरकार सैयदना की दरगाह पर चादर पोशी की और देश मे अमन-चैन की दुआ की। इस जुलूस में कई झांकियां शामिल हुई जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रही।

मुख्य अतिथि मोहम्मद शमी अगाई और मोहम्मद सलीम का कहना था कि हर वर्ष सरकार ए सैयदना के उर्स पर अबुल उलाई शेख कमेटी के नेतृत्व में सूफी कुंदन मियां के नेतृत्व में यह चादर जुलूस निकाला जाता है। यह जुलूस सर्व समाज के भाईचारा का प्रतीक है क्योंकि इस चादर जुलूस में सर्व समाज के लोग भाग लेते हैं। पायचौकी से यह जुलूस शुरू होता है जो अब्बू लाला दरगाह पर जाकर समाप्त होता है।

चादर जुलूस के संयोजक बुंदन मियां ने बताया कि सभी लोग के साथ मिलकर ही इस जुलूस को निकाला जाता है। वह कई दशक से इस जुलूस को निरंतर निकाल रहे हैं। आज भी यह जुलूस अपनी परंपराओं को निभाते हुए निकाला गया है। इसमें कई झाकियां भी शामिल रहीं।

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