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आगरा में बाढ़ में गांव डूबने से घरों की छत पर चढ़े लोग, ट्यूब के सहारे बचाई जा रही जान, प्रशासन की मदद का इंतज़ार

by admin
People climbed on the roofs of houses due to floods in Agra, lives being saved with the help of tubes

आगरा। चंबल नदी में आई बाढ़ के बाद जहां एक तरफ बाढ़ में फंसे लोगों को सकुशल निकालने के लिए सेना ने मोर्चा संभाल लिया है तो वहीं दूसरी तरफ प्रशासन भी लगातार अपनी निगेहबान बनाए रखा है लेकिन बाह क्षेत्र में कई गांव ऐसे हैं जो बाढ़ में डूब गए हैं

चंबल नदी में आई बाढ़ के बाद जहां एक तरफ बाढ़ में फंसे लोगों को सकुशल निकालने के लिए सेना ने मोर्चा संभाल लिया है तो वहीं दूसरी तरफ प्रशासन भी लगातार अपनी निगेहबान बनाए रखा है लेकिन बाह क्षेत्र में कई गांव ऐसे हैं जो बाढ़ में डूब गए हैं।

अपनी जान बचाने के लिए लोग घरों की छत पर पहुंच गए हैं और इस मदद के इंतजार में हैं कि कब मोटर बोट उनके पास पहुंचे ताकि सकुशल अपने आप को बचा सके।

बाढ़ से बचने को छतों पर चढ़े लोग

बाह क्षेत्र का उमरैठा पुरा गांव पूरी तरह से बाढ़ में डूब गया है। बाढ़ के पानी और जंगली जानवरों से बचने के लिए ग्रामीण अपने घरों की छत पर एकत्रित हो गए हैं। इतना ही नहीं बाढ़ में अभी भी कई लोग और बच्चे फंसे हुए हैं जिन्हें ट्यूब के सहारे बचाते हुए घरों की छत तक सुरक्षित पहुंचाया जा रहा है। इसका मैं अभी तक प्रशासन की किसी भी तरह की कोई मदद नहीं पहुंच पाई है जिससे ग्रामीण परेशान हैं।

ट्यूब के सहारे बचाई बच्चों की जान

ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ से पूरी तरह से उनका गांव डूब गया है घरों मकानों में पानी घुस गया है जिसके चलते उन्होंने अपनी और परिवार की जान बचाने के लिए घरों की छतों पर एकत्रित हो गए हैं। बाढ़ के पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है। अब उन्हें प्रशासन से मदद का इंतजार है ताकि मोटर बोट के माध्यम से उन्हें वहां से सुरक्षित निकाला जा सके।

1996 का रिकॉर्ड तोड़ने की ओर चंबल नदी

बताते चलें कि चंबल नदी में कोटा बैराज से 24 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद नदी में भयंकर बाढ़ की स्थिति बन गई है। बाढ़ की चपेट में आने से बाह विधानसभा क्षेत्र के 38 गांव प्रभावित हैं। चंबल नदी में आई बाढ़ 1996 के रिकॉर्ड को तोड़ने की ओर अग्रसर है। इस समय चंबल नदी का स्तर 136.2 मीटर है, जो कि 2019 के 136.1 के रिकॉर्ड को तोड़ चुका है। 1996 में चंबल नदी में आई बाढ़ के दौरान जलस्तर 136.6 मीटर पहुंच गया था।

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