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कर्नाटक में चंद्रगुप्त मौर्य संग्रहालय बनाने की मांग को लेकर आगरा से दिल्ली तक निकलेगी पदयात्रा

by admin
Padayatra will go from Agra to Delhi to demand the construction of Chandragupta Maurya Museum in Karnataka

Agra. कर्नाटक में सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के श्रवण बेलगोला चंद्रगिरि समाधि स्थल पर मौर्य संग्रहालय व उसे पर्यटन स्थल बनाये जाने की मांग को लेकर अखिल भारतीय कुशवाह महासभा की ओर से आगरा से दिल्ली तक पदयात्रा निकाली जा रही है। यह पदयात्रा सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य की जयंती के अवसर पर निकाली जाएगी जो 6 दिनों की होगी। पदयात्रा 15 अप्रैल से शुरू होकर 20 अप्रैल को दिल्ली में जाकर समाप्त होगी जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंप सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के समाधि स्थल को पर्यटन स्थल व मौर्य संग्रहालय बनाए जाने की मांग की जाएगी। यह जानकारी अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री प्रेमचंद कुशवाहा ने दी।

सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के समाधि स्थल पर मौर्य संग्रहालय बनाए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इस मांग को अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा काफी समय से पुरजोर तरीके से उठा रही है। अपनी इस मांग को लेकर और समाज को इसके प्रति एकजुट करने के उद्देश्य से कुशवाहा महासभा की ओर से दीवानी स्थित भारत माता की प्रतिमा के समीप एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महासभा के पदाधिकारियों और समाज के प्रतिष्ठित प्रबुद्ध जनों ने भाग लिया सभी ने सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनकी जीवन व शासनकाल पर अपने विचार भी रखे। इस दौरान अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री प्रेम चंद्र कुशवाहा ने समाज के समक्ष चंद्रगुप्त मौर्य के समाधि स्थल पर मौर्य संग्रहालय बनाए जाने की मांग को सभी के सामने रखा। समाज के सभी लोगों ने इस पर सहमति जताई और इससे समाज को गौरव मिलने की बात कही।

अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री प्रेमचंद्र कुशवाहा ने बताया कि चंद्रगुप्त मौर्य ने अखण्ड भारत के निर्माता एवं मौर्य वंश के संस्थापक, देश के प्रथम चक्रवर्ती सम्राट है जिनका इतिहास स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। उन्होंने बताया कि चंद्रगुप्त मौर्य ने अपनी अंतिम सांस श्रवण बेलगोला चंद्रगिरि कर्नाटक में ली थी। समाज के लोगों के साथ साथ देश की युवा पीढ़ी उनके जीवन व शासनकाल से रूबरू हो इसीलिए उनके समाधि स्थल पर मोहर संग्रहालय व स्थल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की मांग की जा रही है।

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