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बाहर के साथ-साथ घर के अंदर भी सोशल डिस्टेंसिंग जरुरी

by admin

आगरा। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सामाजिक दूरी को बनाए रखना बहुत जरूरी है और न सिर्फ यह घर के बाहर बल्कि घर के अंदर भी कुछ हद तक बहुत जरूरी है। यदि लोग घर के बाहर जाते हैं तो उन्हें कम से कम दूसरे व्यक्ति से डेढ़ मीटर की दूरी बना कर रखना चाहिए ताकि मुंह और नाक से निकलने वाले तरल पदार्थ में कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक न पहुंचे।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी यूके त्रिपाठी ने बताया सोशल डिस्टेंसिंग घर के अंदर तब महत्वपूर्ण हो जाती है जब घर का कोई सदस्य जरूरी कारणवश घर के बाहर जाकर घर के अंदर आता है। ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को अपने को पूरी तरह से संक्रमण मुक्त करने के बाद ही घर के लोगों और घर के सामान के संपर्क में आना चाहिए। व्यक्ति अपने कपड़ों, जूते और चप्पल के द्वारा भी संक्रमण को घर के अंदर ला सकता है, तब यहां आवश्यक हो जाता है उन सब को साफ करने के बाद ही घर की चीजों और लोगों के संपर्क में आए।

उन्होंने बताया घर के लोगों के संपर्क में आने वाली सभी चीजें जैसे – दरवाजे, उनके हैंडल, कुर्सी,मेज या अन्य ऐसी चीजें जो बार-बार लोगों के संपर्क में आती हैं, उन्हें लगातार संक्रमण मुक्त करते रहें। इसके लिए डिटर्जेंट पाउडर, ब्लीचिंग पाउडर, सैनिटाइजर और पानी का प्रयोग करें।

प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं कि कोई व्यक्ति यदि उत्तर प्रदेश के बाहर से आ रहा है तो उसे अपने निकटवर्ती सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जानकारी देना आवश्यक है। साथ ही यदि कोई आगरा जिले के बाहर से भी आ रहा है तो उसे भी राज्य के बाहर से आए हुए लोगों की तरह ही अपने आप को अपने परिवार तथा समुदाय से कुछ दिन के लिए अलग रहना चाहिए। यदि कोई गंभीर लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर से फोन द्वारा संपर्क करें और डॉक्टर की सलाह पर ही अस्पताल पहुंचे। अस्पताल ऐसे रोगियों के लिए खुले हुए हैं तथा आवश्यकता पड़ने पर भर्ती किए जाने की भी व्यवस्थाएं हैं। अगर ऐसा कुछ लक्षण नहीं है, तो लोगों से दूरी बनाते हुए घर पर ही रहे।

वर्तमान में कुछ समय के लिए जिला अस्पताल की सामान्य ओपीडी को रोक दिया गया है तथा विशेष ओपीडी और इमरजेंसी चालू रखी गई है। इसलिए गंभीर आवश्यकता के रूप में ही लोग अस्पतालों की तरफ रुख करें।

उन्होंने बताया लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, पर गंभीर होने की जरूरत है। कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर या फिर बाहर से आए लोगों के बारे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकों को अवश्य बताएं तथा अपने मन से यह निकाल दें कि कोरोना से संक्रमित होने पर समाज उनको अपने से अलग कर देगा। बल्कि यह आइसोलेशन इसलिए किया जा रहा है ताकि आप आपका परिवार समाज सुरक्षित रहे।

जिला साहयक स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सूचना अधिकारी, अनिल कुमार ने बताया कि लोग गलत अफवाहों से बचें किसी भी तरह का गलत मैसेज या जानकारी ना फैलाएं सिर्फ प्रशासन और चिकित्सकों द्वारा बताई गई बातों पर विश्वास करें। लोग सामान्य तथा रूटीन जांचों के लिए अस्पताल में ना जाएं और सामाजिक दूरी और नियमों तथा प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

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