आगरा। अपने संविधान और न्यायपालिका को बचाने के लिए विपक्ष राजनैतिक दलों की ओर से गठित संविधान बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले देशव्यापी बंद का आव्हान किया गया था। इस देशव्यापी बंद के आवहान में भीम सेना, बहुजन मुक्ति मोर्चा और समाजवादी पार्टी सहित 20 राजनीतिक दलों ने अपनी भागेदारी दर्ज कराई थी। इस बंद के आवहान को लेकर पुलिस अधिकारियों ने एतिहातन तौर पर थाना पुलिस, पीएसी बल, क्षेत्राधिकारी और प्रभारी निरीक्षकों को तैनात कर दिया था और जिले में सेक्टर स्कीम को लागू कर दिया जिससे कोई अप्रिय घटना ने हो।
मंगलवार को कुछ एक क्षेत्र को छोड़कर आगरा शहर में इस देशव्यापी बंद का असर देखने को नहीं मिला। नरीपुर क्षेत्र में इस संगठन की ओर से संविधान बचाओ जुलूस निकाला गया। जैसे ही यह जुलूस सड़क पर बंद को सफल बनाने के लिए पहुँचा तो पुलिस बल भी मौके पर पहुँच गया। पुलिसकर्मियों ने जुलूस को आगे नही बढ़ने दिया जिसके कारण पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच विवाद भी हुआ लेकिन पुलिस बल ने जुलूस को आगे नही बढ़ने दिया। पुलिस के दवाब में प्रदर्शनकारी वही बैठ गए और पुलिस पर तानाशाही का आरोप लगाने लगे।
संविधान बचाओ जुलूस का नेतृत्व का रहे लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने स्वार्थ के लिए न्यायपालिका में हस्तक्षेप कर रहे हैं। सभी फैसले उन्ही के अनुसार आ रहे है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो संविधान पूरी तरह से बदल जायेगा। जिसका लाभ सिर्फ पूंजीपतियों को ही होगा। लोगों ने बताया कि संविधान बचाने के लिए चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चल रहा है। इससे पहले जिला मुख्यालय और ब्लॉकों पर प्रदर्शन हुए है। अब देशव्यापी बंद का आव्हान है। संविधान बचाओ समिति का कहना था कि चाहे कुछ भी हो जाये प्रधानमंत्री को संविधान से खिलवाड़ नही करने देंगे।