सरकारी सेवा में मौजूद दंपत्ति में से 1 को पंचायत चुनाव में ड्यूटी से राहत मिल सकती है, इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिला मजिस्ट्रेट और जिला निर्वाचन अधिकारियों से यह कहा है कि यदि पति -पत्नी दोनों सरकारी सेवा में कार्यरत हैं तो उनमें से किसी एक की ही ड्यूटी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में लगाई जाए। दरअसल ऐसा इसलिए कहा गया है ताकि बच्चों की देखभाल में किसी प्रकार की कोई परेशानी ना पैदा हो।यह जानकारी आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा की ओर से सभी जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों से साझा की गई है।
अपर निर्वाचन आयुक्त का कहना है कि यदि सरकारी नौकरी में कार्यरत पति और पत्नी में से किसी एक की ओर से चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने के बारे में कोई प्रार्थना पत्र दिया जाता है तो उनके बच्चों की देखभाल के मद्देनजर दोनों में से किसी एक को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाए। दरअसल उत्तर प्रदेश यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर ने राज्य निर्वाचन आयोग को एक पत्र लिखकर बताया था कि अगर पति-पत्नी दोनों सरकारी टीचर हैं और उन दोनों की ड्यूटी चुनाव में लगती है तो उनके सामने बच्चों की देखभाल करने का संकट पैदा हो जाता है। ऐसे में कई बार उनके बच्चों को नुकसान भी पहुंचता है।इसलिए सरकारी नौकरी करने वाले दंपत्ति में से किसी एक को चुनाव ड्यूटी से मुक्त किए जाने का प्रावधान होना चाहिए।
इस पत्र पर संज्ञान लेते हुए निर्वाचन आयोग ने यह आदेश जारी किया । बता दें कि राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। पंचायत के चारों पदों (ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य) के लिए एक साथ चार चरणों में जिले में क्रमबद्ध तरीके से चुनाव कराए जाएंगे। प्रथम चरण में 18 जिलों के सभी पदों के लिए 15 अप्रैल को मतदान होगा। दूसरे चरण में 19 अप्रैल को 20 जिलों में, तीसरे चरण में 26 अप्रैल को 20 जिलों में और अंतिम यानी चौथे चरण में 17 जिलों के सभी पदों के लिए 29 अप्रैल को मतदान किया जाएगा। यह मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक किया जा सकेगा। इस चुनाव के सभी चरणों में हुए मतदान की गणना एक साथ 2 मई को सुबह 8:00 बजे से होना शुरू होगी।