संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में माघ मेले के चौथे स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की भीड़ स्नान के लिए पहुंची यहां ब्रह्म मुहूर्त से ही संगम के घाटों पर श्रद्धालुओं के स्नान और दान का क्रम जारी है। इस बार बसंत पंचमी के मौके पर सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि और रवि योग का विशेष संयोग भी बन रहा है जिसके चलते लोग पुण्य अर्जित करने के लिए संगम तट पर पहुंच रहे हैं।बसंत पंचमी के मौके पर मां सरस्वती (Saraswati) की भी आराधना का विधान माना जाता है।इसलिए बड़ी संख्या में विद्यार्थी (Students) भी संगम में स्नान कर मां सरस्वती की आराधना करते हैं। अगला प्रमुख स्नान अब माघी पूर्णिमा यानी 28 फरवरी को है।

बसंत पंचमी का त्यौहार माघ मेले के चौथे प्रमुख स्नान में आता है इसलिए संगम के घाटों पर श्रद्धालु गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में आस्था से सराबोर होकर डुबकी लगाते हैं और पूजा अर्चना करते हैं।इस दिन की मान्यता है कि आज के दिन मां सरस्वती की आराधना करने से साधकों की साधना पूरी होती है, वहीं विद्यार्थियों को मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उन्हें ज्ञान के साथ सफलता की प्राप्ति होती है। बसंत पंचमी के मौके पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु संगम तट पर पहुंच रहे हैं। यहां करीब 2500000 श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन की व्यवस्थाएं भी चाक-चौबंद हैं।आठ किलोमीटर के दायरे में बनाए गए 17 घाटों पर डीप वाटर बैरिकेटिंग के साथ ही जल पुलिस और एसडीआरएफ को तैनात किया गया है।

सुरक्षा के लिए 5 हजार पुलिसकर्मियों के साथ ही सीसीटीवी कैमरे (CCTV Camera) और ड्रोन (Drone) से भी निगरानी की जा रही है। माघ मेले के सभी 16 एंट्री पॉइंट पर सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। 8 किलोमीटर के दायरे में बनाए गए स्नान घाटों पर श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं। माघ मेले के (Magh Mela) क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।