आगरा। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पटखनी देने के लिए सपा और बसपा ने भले ही गठबंधन कर लोकसभा चुनाव के चुनावी रण में उतर आई हो लेकिन इसके बावजूद बसपा कार्यकर्ताओं का अपने पार्टी पर ही भरोसा नहीं रहा है इसलिए तो बसपा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी बसपा सुप्रीमो पर आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ रहे हैं। पिछले दिनों पूर्व मंत्री देवेंद्र चिल्लू और पूर्व मंत्री के भाई मुकुल उपाध्याय ने पार्टी छोड़ी थी तो अब रालोद छोड़कर बसपा का दामन थामने वाले ब्राह्मण समाज के वरिष्ठ नेता उमेश सेथिया ने भी हाथी की सवारी ना करने का फैसला लिया है और पार्टी को छोड़ दिया है।
बसपा नेता ने बसपा पार्टी छोड़ने से पहले अपने कार्यालय पर बैठक की और समाज के लोगों से रायशुमारी की। इसके बाद उमेश सैंथिया ने बसपा पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। उमेश सैंथिया फतेहाबाद से विधानसभा चुनाव लड़ चुके है और पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के बेहद करीबी माने जाते हैं।
बताया जाता है कि उन्होंने ही रालोद से उमेश सैंथिया को बसपा ज्वाइन कराई थी और टिकट दिलाने में भी उनका योगदान रहा था लेकिन जब उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय एक बार फिर फतेहपुर सीकरी से लोकसभा चुनाव लड़ रही है तो ऐसे में उमेश सैंथिया ने उनका साथ छोड़ दिया है। इससे पहले पूर्व मंत्री के भाई मुकुल उपाध्याय ने भी पिछले दिनों ही ब्रज क्षेत्र कार्यालय पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी तो यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अब उमेश सैंथिया भी जल्दी भाजपा का दामन थाम लेंगे।
बसपा का दामन छोड़ने वाले उमेश सैंथिया ने बसपा सुप्रीमो पर कई आरोप लगाए है। उनका कहना था कि बसपा पार्टी में उनका दम घुट रहा था। बसपा में होने वाली चंदा वसूली से वो परेशान थे। बसपा पार्टी में बोलने व काम करने की आजादी नही है और बड़े नेता सिर्फ चंदा वसूली में लगे रहते है।