फतेहाबाद। गत 31 दिसंबर 2017 को शीत ग्रह में गैस रिसाव के पीड़ितों को मुआवजा देने के संदर्भ में एक नया मोड़ आ गया जब एसडीएम कार्यालय से शीत ग्रह स्वामी को एक नोटिस दिया गया। जिसमें उन्हें तत्काल ₹32 लाख जमा करने का आदेश दिया गया था। इस नोटिस के संदर्भ में जब चिकित्सक की पत्नी एसडीएम फतेहाबाद के पास 2 हफ्ते का समय मांगने के लिए आई तो एसडीएम ने उनसे कोई बात नहीं की और उन्हें घंटों खड़े रखा। इस इससे क्षुब्ध होकर चिकित्सक दंपति तहसील मुख्यालय पर ही धरने पर बैठ गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार फतेहाबाद के घाघपुरा स्थित गार्गी कोल्ड स्टोरेज पर गत 31 दिसंबर की रात अमोनिया गैस के रिसाव के बाद आसपास के क्षेत्र की खेतों की फसल नष्ट हो गई थी। इस संदर्भ में मुआवजे के लिए प्रशासन और किसानों की शीत ग्रह स्वामी के साथ कई दौर की वार्ता हुई। इसके बाद मुआवजा देने की बातें हुई। बुधवार को मुआवजे के संदर्भ में उप जिलाधिकारी फतेहाबाद कार्यालय से एक नोटिस डॉ राकेश मोहनिया और कल्पना मोहनिया के नाम उनके अस्पताल में पहुंचा। इस नोटिस में तत्काल ₹32 लाख जमा करने के आदेश दिए गए। इस पर डॉ. राकेश मोहनिया की पत्नी डॉ. कल्पना मोहनिया ने एक प्रार्थना पत्र जिसमें 2 हफ्ते का समय मांगा गया था, लेकर उप जिलाधिकारी फतेहाबाद देवेंद्र प्रताप सिंह के कार्यालय पहुंची। वह लगभग 12:30 बजे उनके कार्यालय में आ गई। जब उन्होंने एसडीएम से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने कोई भी बात करने से इंकार कर दिया।
कई घंटों के प्रयास के बाद भी उन्होंने कोई बात नहीं की तो यह जानकारी होने पर लगातार तहसील मुख्यालय पर चिकित्सक दंपति के समर्थक पहुंचते रहे। घटना की जानकारी होने पर भाजपा नेता भी मौके पर पहुंच गए। इस संदर्भ में डॉ राकेश मोहनिया का कहना है कि प्रशासन ने अपनी हठधर्मिता दिखाते हुए 1 दिन में ही नोटिस देते हुए इतनी बड़ी धनराशि की मांग की है। जबकि हमने सिर्फ 2 हफ्ते का समय मांगा था। उन्होंने नोटिस रिसीव करने से भी इंकार कर दिया। डॉ. कल्पना मोहनिया ने कहा कि प्रशासनिक हठधर्मिता का इससे बड़ा कोई भी कारण नहीं हो सकता कि एक महिला चिकित्सक को घंटों खड़े रखने के बाद ही उपजिलाधिकारी ने उनकी बात नहीं सुनी। वह न्याय के लिए लड़ती रहेंगी। जब तक न्याय नहीं मिलता तब तक अनशन पर बैठेंगे।