विकास प्राधिकरण या आवास विकास से प्लॉट, मकान और फ्लैट खरीदने वालों के आवंटन को अब तीन नोटिस के बाद ही निरस्त कर दिया जाएगा। भुगतान करने का टाइम ओवर होने पर 30 दिन के बाद आवंटी को पहला नोटिस भेजा जाएगा। फिर उसके 60 दिन बाद दूसरी तथा 90 दिन बाद तीसरा नोटिस भेजा जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद आवंटन को निरस्त कर दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश शासन ने सम्पत्तियों के आवंटन, निरस्तीकरण तथा उनकी बहाली को लेकर नई नियमावली तैयार करवाई है, जिसके तहत कार्यवाही की जाएगी।फिलहाल संपत्तियों के आवंटन निरस्तीकरण तथा पुनः बहाली को लेकर स्पष्ट नियमावली नहीं है।
दरअसल सचिव आवास और आवास आयुक्त अजय चौहान की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी ने प्रस्ताव तैयार कर अपनी रिपोर्ट आवास विकास विभाग को सौंप दी है। यह कमेटी सन 2019 में बनाई गई थी और अब इसकी सिफारिशें शासन तक पहुंच चुकी है। प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने 22 मार्च को सभी विकास प्राधिकरण के साथ एक बैठक का प्रस्ताव रखा है।जिस क्रेता की संपत्ति का आवंटन निरस्त होगा वह 1 महीने के अंदर इसकी पुनर्बहाली करा सकता है। लेकिन पुनर्बहाली के लिए पंजीकरण धनराशि का 20 परसेंट भी अलग से देना होगा। डीएम सर्किल रेट या फ़िर बाजार कीमत पर इसकी पुनर्बहाली की जाएगी।
आवास विकास परिषद या विकास प्राधिकरण भी संपत्तियों का आवंटन निरस्त करेंगे उन्हें वह दूसरे लोगों को बेच भी सकेंगे हालांकि इसके लिए उन्हें 2 महीने का इंतजार करना होगा। 2 महीने के बाद वे लॉटरी या फिर नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से संपत्ति को अन्य लोगों को बेच सकते हैं।