आगरा। बसपा शासनकाल में मंत्री रहे मुस्लिम नेता कांग्रेस का दामन थामने के बाद पहली बार आगरा आ रहे है। कांग्रेस के नेता नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी जिला और शहर की ओर से आयोजित होने वाले रोजा इफ्तार में शिरकत करेंगे। नसीमुद्दीन सिद्दीकी के आगरा आने से जहाँ मुस्लिम समाज और उनके करीबियों में हलचल है तो वहीं कांग्रेस पार्टी के नेता इस रोजा इफ्तार को सफल बनाने में जुट गए है।
राजनीति के चाणक्यों का मानना है कि रोजा अफ्तार एक बहाना है। इसके माध्यम से नसीमुद्दीन कांग्रेस पार्टी के लिए आगरा से मुस्लिम समाज की सियासत शुरु करेंगे। इतना ही नहीं 12 जून से ही नसीमुद्दीन सिद्दीकी मुस्लिम नेताओं को कांग्रेस से जोड़कर कांग्रेस में कद्दावर मुस्लिम नेताओं की श्रेणी में शामिल होकर अपने लिए 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए दावेदारी को मजबूत करेंगे।
जिला अध्यक्ष दुष्यंत शर्मा और कार्यवाहक शहर अध्यक्ष हाजी जमीलुद्दीन ने बताया कि पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी 12 जून को होने वाले कांग्रेस के रोज अफ्तार में शिरकत करने आ रहे है। उनका कहना है कि नसीमुद्दीन सिद्दकी के कांग्रेस में आने के बाद पार्टी से जुड़ने के लिए कई नेता संपर्क में थे। नसीमुद्दीन सिद्दीकी बड़े मुस्लिम नेता हैं, उनके आने से पार्टी में मुस्लिम समाज की भागेदारी बढ़ेगी। इतना ही नहीं इस रोजा इफ्तार कार्यक्रम में कई मुस्लिम नेता उनकी मौजूदगी में कांग्रेस का दामन भी थाम सकते है।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी के सक्रिय होने से सबसे ज्यादा झटका चुनावों में भाजपा को लग सकता है। क्योंकि अब सभी दल एक होकर भाजपा के खिलाफ खड़े हुए है। निसीमुद्दीन भले ही बसपा से निष्काषित हुए हो लेकिन चुनावो में कांग्रेस से मुस्लिम समाज को जोड़कर और उसे पार्टी में मजबूत कर वो बसपा को भी झटका जरूर दे सकते हैं। नसीमुद्दीन के लिए आगरा से मुस्लिम सियासत के कई मायने है।