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‘नारी तू नारायणी’, अंतरराष्ट्रीय ताज रंग महोत्सव में बिखरे विभिन्न प्रांतों के रंग

by admin

आगरा। पंचम अंतरराष्ट्रीय ताज रंग महोत्सव का दूसरे दिन विश्व विद्यालय परिसर में उपस्थित जुबली हाल में जहां एक ओर शास्त्रीय गीत और नृत्य का प्रदर्शन हुआ वहीं दूसरी और काव्य श्रंगार में नारी सशक्तीकरण एवं देश भक्ति से ओत प्रोत काव्य धारा बही। सुबह सत्र की शुरुआत वत्सला प्रभाकर और डॉ प्रवीणा गुप्ता ने माँ सरस्वती एवं नटराज की मूर्ति के आगे दीप प्रज्वलित कर की।

किड्स जी स्कूल, सिकंदरा के छोटे छोटे बच्चो ने सुरुभि दुआ के निर्देशन में गणेश वंदना की।
बांग्लादेश से आए कलाकारों ने मछुवारा नृत्य प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। उसके पश्चात उन्होंने वहा का राष्ट्र गान प्रस्तुत किया। ग्वालियर से अाई प्रेक्षा माहेश्वरी, रक्षा नवानी द्वारा शास्त्रीय नृत्य, तन्वी अग्रवाल द्वारा राजस्थानी और प्रज्ञा कटारिया द्वारा पाश्चातय नृत्य प्रस्तुत किया गया।

आंध्र प्रदेश से स्कूल थियेटर आर्ट्स के बच्चों ने तेलगु जन जातीय लोक नृत्य प्रस्तुत कर अपनी प्रदेश की विधा का प्रदर्शन किया। रंगबोधि के नाम से एक सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति हुई।
ओडिसा का नृत्य डीपीएस स्कूल अलीगढ़ के बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण अंतरराष्ट्रीय कलाकार मुंबई से पधारी सुनीता तिकारे कारे ने शास्त्रीय धुनों ठुमरी का गायन कर सभी का मन मोह लिया। उन्हें स्वर्गीय गूजेश्वरी स्मृति सम्मान से सम्मानित भी किया गया। उड़ीसा, मणिपुर, दिल्ली से पधारी कलाकारों ने ‘नारी तू नारायणी’ एक नृत्य प्रस्तुत किया जिसमें तीन राज्य मणिपुरी, भरत नाट्यम और कत्थक का मिश्रण देखने को मिला।

मुंबई से आए कोरियोग्राफर लक्ष्य शर्मा ने तीन ताल में कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया। नेपाल से आए कलाकारों ने वहा की मिट्टी की सुगंध को अपनी कला के माध्यम से फैलाया।

दोपहर सत्र का शुभारंभ दीपक कालरा, हेमंत भोजवानी, हरदेश चौधरी, आनंद राय द्वारा संयुक्त रूप से किया जिसमें विशेष रूप काव्य श्रंगार हुआ। इस सत्र में देश के विभिन्न प्रांतों से आए कवि -कवियत्री ने भाग लिया जिसमें अमीर अहमद जाफरी, डॉ नीलम भटनागर एवम् शैलजा अग्रवाल थी। इस प्रतियोगिता में रीता शर्मा को पहला, दूसरा स्थान पम्मी सडाना और तीसरा रिचा गुप्ता नीर को मिला। संयोजन रितु गोयल ने किया संचालन श्रुति सिन्हा ने किया।

दिल्ली से आए आशा प्रियंबंदा ने भरत नाट्यम प्रस्तुत किया। लाला राम तेंगूरिया, बंटी ग्रोवर, रोहित कत्याल, विजय कपूर, हरिओम गहलोत ने कलाकारों को पुरस्कृत किया।

महोत्सव संयोजक अलका सिंह ने बताया कि 3 अक्टूबर को यह आयोजन सूरसदन प्रेक्षागृह में होगा। पूरे महोत्सव के निर्णायक मुंबई से पधारे धनजय कुकरेती एवं आभा शर्मा थे।

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