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मुशायरा और कवि सम्मेलन से गुलज़ार हुई मोहब्बत की नगरी, ‘जमीन का चांद’ का विमोचन

by admin

सुलहकुल व मोहब्बत की नगरी आगरा में शनिवार की रात कौमी एकता ऑल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन की समां से रोशन हुई। हिंदू मुस्लिम भाईचारे के प्रतीक इस मुशायरा व कवि सम्मेलन में नामचीन शायरों और कवियों ने अपने कलाम पेश किए और देर रात तक महफिल गुलजार रही।

बज्म ए आशिकान ए अदब की ओर से कौमी एकता आल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन माथुर वैश्य भवन पचकुंइया पर किया गया। मुशायरे का शुभारंभ पूर्व विधायक हाजी जुल्फकार अली भुटृटो, नसीम अहमद वरिष्ठ पत्रकार एनडीटीवी और डॉ जमीर अहमद प्रिंसीपल अहमदिया हनफिया इंटर कॉलेज ने किया। इस दौरान उर्दू शायर चांद अकरबादी की पुस्तक ‘जमीन का चांद’ का भी विमोचन किया गया। इस पुस्तक के विमोचन होने के बाद शायर चांद अकरबादी ने अपने कलाम पेश किए और कहा अपने चेहरे का अक्स तुझे डराने लगता, आईना अगर तेरा किरदार दिखाने लगता, इसके बाद मुशायरे की महफिल सजने लगी। एक के बाद एक सभी अपने कलाम पेश करने लगे।

अमरोहा से आए शायद अमरोही ने सुनाया मेरी निगाह बदन पर ठहर गई वरना, अपनी रूह वो मेरे नाम करने वाला था, यह शेर सुनकर पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजने लगा।

इस मुशायरा में मैकश अमरोहवी अमरोहा, अकील नौमानी बेरली, अफजल मंगलौरी उत्तराखंड, मजहर सियानवी बुलंदशहर, खुर्शीद हैदर मुजफृरनगर, जीरो बांदवी फीरोजाबाद, महेंद्र अश्क नजीबाबाद, वसीम नादिर बंदायू, अलका जैन मुंबई से शिरकत की। मकामी शोअरा में शाहिद नदीम, अशोक रावत, दाऊद, इकबाल, अनवर अमान, कांची सिंघल ओस ने अपनी शायरी से रात भर समा बांधे रखा।

आयोजकों ने बताया कि कौमी एकता ऑल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन हर वर्ष किया जाता है। इसके माध्यम से भाईचारे का संदेश दिया जाता है।

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