Agra. कोरोना संक्रमित हुए बेटे की इलाज के दौरान मौत हो गयी। यह खबर जैसे ही मृतक के परिवार में पहुँची तो यह खबर सुनकर माँ तड़प उठी। अपने सामने जवान बेटे की मौत ने उनके मन को झकझोर दिया और बेटे के गम में माँ ने भी दम तोड़ दिया। पहली अर्थी उठी भी नहीं थी कि परिवार के एक और सदस्य की मौत की घटना ने परिवार को पूरी तरह से झकझोर दिया। सिकंदरा के पास स्थित श्मशान घाट पर एक साथ मां-बेटे का अंतिम संस्कार किया गया। एक साथ दोनों की चिताएं जलीं तो लोगों की आंखें भी नम हो गईं। इस हृदय विदारक घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया।
खंदारी में रहने वाले 44 वर्षीय निर्भय चौरड़िया कोरोना संक्रमित थे। वह एसएन मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में भर्ती थे। रविवार रात दो बजे निर्भय की मौत हो गई। जैसे ही बेटे की मौत की खबर मां ऊषा चौरड़िया को मिली। वह इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सकीं। उन्हें हार्ट अटैक आया और कुछ देर में उनकी भी मौत हो गई।
सोमवार को मां और बेटे के पार्थिव शरीर को एंबुलेंस से रामलाल आश्रम, सिकंदरा के पास स्थित श्मशान घाट पर ले जाया गया। दोनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद लोगों कहना था कि उन्होंने अपने जीवन में इस तरह के दृश्य नहीं देखे कि मां-बेटे की एक साथ चिताएं जली हो।