Agra. वीकेंड और उर्स के चलते पर्यटकों की अच्छी खासी संख्या से ताजमहल में पुरानी रौनक देखने को मिली। रविवार को ताजमहल पर 40 हजार से अधिक संख्या में पर्यटक पहुँचे थे। लगभग दो साल बाद ताजमहल पर इतनी संख्या में सैलानी पहुंचे थे जिसके कारण ताजमहल में पैर रखने की भी जगह नहीं थी। ताज के प्रवेश गेट से मुख्य गुंबद तक जाने वाला रास्ता पूरी तरह से पर्यटकों से गुलजार रहा। पर्यटकों की उमड़ी भीड़ से व्यवस्थाएं तार-तार हो गईं। पार्क में पौधे टूट गए। सैलानियों को मुख्य गुंबद तक पहुंचने में दो घंटे लग गए।
दोपहर तक बिके 13782 टिकट
मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण के बाद से अब तक ताजमहल पर इतनी बड़ी संख्या में सैलानी नहीं आए हैं। सप्ताहांत में रविवार को शाहजहां के उर्स के पहले दिन सुबह से ही ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो गई। एएसआई के मुताबिक सुबह से दोपहर तक 13782 टिकटों की बिक्री हो चुकी थी। प्रवेश नि:शुल्क होते ही दोपहर दो बजे के बाद दोनों गेटों पर भीड़ बढ़ गई। लंबी कतारें लग गई। उधर, मुख्य मकबरे पर भी लंबी कतारें लगी रहीं। अव्यवस्थाओं के कारण कई बार दोनों गेटों पर पर्यटकों में धक्कामुक्की भी हुई। भीड़ को काबू करने में एएसआई, पर्यटन पुलिस और सीआईएसएफ को पसीने छूट गए।
खोलना पड़ा चौथा गेट
ताज पर उमड़ी भीड़ के मुख्य परिसर में में जमा होने पर एएसआई ने दशहरा घाट की ओर के चौथे निकास द्वार को खोला, जिससे पर्यटकों को ताज से बाहर निकाला गया। इस गेट का इस्तेमाल एएसआई के कर्मचारियों के निकास व प्रवेश के लिए ही किया जाता है। पर्यटकों के लिए आपात स्थिति में खोला जाता है।
असली कब्रें देखने को उमड़े लोग
ताजमहल स्थित शाहजहां और मुमताज महल की असली कब्रों को उर्स के दौरान तीन दिन के लिए ही खोला जाता है। सबसे ज्यादा पर्यटक इन कब्रों को देखने के लिए ही पहुंचे। देर शाम तक यह सिलसिला चलता रहा।
पर्यटन व्यवसाईयों के खिले चेहरे
ताजमहल पर इतनी भारी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने से पर्यटन व्यवसायी भी काफी उत्साहित नजर आए। उनका कहना था कि कोरोना काल के दौरान दो साल से ताजमहल पर सन्नाटा ही पसरा हुआ था। संक्रमण कम होने और पाबंदियों के समाप्त होने से ताज पर लंबे समय बाद रौनक देखने को मिली।