- चिंता और चिंतन से बचने को संतों की शरण में ले गीता का ज्ञान
- आध्यात्म के बिना नैतिकता और चरित्र बिना आध्यात्म सम्भव नहीं
- नैतिकता और अनुशासन के संकल्प के साथ पुरस्कार प्राप्त कर मेधावियों के खिले चेहरे
आगरा। गीता वो शास्त्र है जो सम्पूर्ण विश्व को सुखी कर सकता है। सभी वेद पुराण पुर्लिंग और स्त्रीलिंग हैं। इसलिए श्रीमद्भागवत गीता को माता का दर्जा दिया गया है। म का अर्थ हैं जहां न हो और त का अर्थ है दुख। जिसकी शरण में रहने से दुख न हो वह वह माता कहलाती है। संसार में बहुत चिन्ता है, इसलिए लोग दुखी हैं। भगवान की शरण में जाने से ही चिन्ता और दुख से मुक्त हो सकते हैं। चिंता मृत मनुष्य को जलाती है तो वहीं चिंता जीवित मनुष्य को जला देती है इसलिए चिंता और चिंतन से बचने के लिए संतों की शरण में गीता का ज्ञान लें यह बात इस्कॉन के चेयरमैन देवकीनन्दन प्रभु ने आध्यात्म में विश्वास विषय पर अपने व्याख्यान में कही।
जो व्यक्ति भगवत गीता के शरण में रहता है, उसे कोर्ट में जाकर गीता की कसम नहीं खानी पड़ती। यानि वह गलत कार्यों से दूर रहता है। किसी भी काम को करने के लिए श्रद्धा बहुत जरूरी है। धीरे धीरे जब श्रद्वा सुदृढ़ होती है तो वह विश्वास के रूप में परिणीत हो जाती है। आम एक ही है परन्तु कच्चा होने पर वह हरा लेकिन पकने पर पीले रंग का हो जाता है। श्रद्धा इनबिल्ड सिस्टम है हमारे अंदर। इसे सुद्धढ़ और परिपक्व करने के लिए अभ्यास की आवश्यकता होती है। एक पंडित जी व मोची की कथा के माध्यम से ईश्वर पर श्रद्धा के भाव का अर्थ समझाया।
आध्यात्म, चरित्र और कला ज्ञान से युवा पीढ़ी ने आएगी नैतिकताः नीलमणी प्रभु
कानपुर इस्कॉन मंदिर के उपाध्यक्ष नीलमणी ने कहा कि हमारी वैदिक गुरुकुल शिक्षा प्राणाली के तीन स्तर होते थे। आत्म, चरित्र और कला ज्ञान। सबसे आसान कला ज्ञान, उसके बाद चरित्र और फिर सबसे कठिन आत्मज्ञान है। एक इंजीनियर बनने के लिए मात्र चार वर्ष, चरित्र निर्माण करने में वर्षों और आत्म का साक्षात्कार करने में जीवन निकल जाता है। परन्तु आज की शिक्षा प्रणाली में युवाओं को सिर्फ कला ज्ञान दिया जा रहा है। चरित्र ज्ञान का आधार आत्म ज्ञान है। तीनों ज्ञान के बिना युवाओं का समुचित विकास सम्भव नहीं। जीवन में नैतिकता आत्मज्ञान के बिना सम्भव नहीं। हमें अनैतिकता का मौका नहीं मिलता इसलिए हम नैतिक बने हुए हैं। ट्रैफिक पुलिस न खड़ी हो तो लोग लाल बत्ती भी क्रास कर जाते हैं। चरित्र नीचे जा रहा है क्योंकि आध्यात्म नहीं है। दुर्भाग्य से आज सिर्फ कला ज्ञान के बारे में ही बात हो रही है। प्रभुपाद जी कहते थे भारतीय डायमंड पर बैठें है और टूटे कांच के लिए भीख मांग रहे हैं। क्योंकि हमारी असली धरोहर आध्यात्म है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम ने मोहा सभी का मन
सूरसदन सभागार उस समय तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा जब रुचि शर्मा के मार्गदर्शन में इस्कॉन द्वारा आयोजित गीता ओलंपियाड पुरस्कार समारोह में सांस्कृतिक प्रस्तुति बच्चों ने प्रस्तुत की। मयूर नृत्य के साथ भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी की अलौकिक छवि के किरदारों ने हरे रामा हरे कृष्णा संकीर्तन पर प्रस्तुति देकर सभी का मनमोह लिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ श्रील प्रभुपादजी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्लित कर किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि उप्र महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता चौहान, आगरा इस्कॉन के अध्यक्ष अरविन्द प्रभु, शैलेन्द्र अग्रवाल, कामता प्रसाद अग्रवाल, आशु मित्तल राहुल बंसल, सुनील मनचंदा, सुशील अग्रवाल, संजीव बंसल, संजय कुकरेजा, राजेश उपाध्याय, ओमप्रकाश अग्रवाल, अदिति गौरांग, शैलेश बंसल, राजीव मल्होत्रा, शाश्वत नन्दलाल, सूरज, विकास बंसल, डॉ. जयदीप मल्होत्रा, डॉ. संदीप अग्रवाल, डॉ. पारुल अग्रवाल, विनीत खेड़ा, संजीव मित्तल, रेनू मनचंदा, ज्योति बंसल, संजीव बंसल, व्यवस्थाएं अदिति गौरांगी देवी दासी, शास्वत नंदलाल दास, ओम पुरुषोत्तम दास, शैलेश बंसल, राजेंद्र पालक दास, हिमांशु गुप्ता, आदि उपस्थित थे।
डेढ़ सौ से ज्यादा मेधावियों को मिला गीता ओलंपियाड पुरस्कार
इस्कॉन द्वारा विद्यार्थियों में आध्यात्मिक चेतना के लिए आयोजित गीता ज्ञान प्रतियोगिता में आगरा और आसपास के कई जनपद के 45 से ज्यादा विद्यालयों के 1500 से ज्यादा मेधावियों ने प्रतिभाग किया था। गीता ओलंपियाड पुरस्कार समारोह में डेढ़ सौ से ज्यादा मेधावियों को पुरस्कार स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। सीनियर और जूनियर दो वर्गों में आयोजित प्रतियोगिता में गीता ज्ञान प्रश्नोत्तरी के मेधावियों को निम्न श्रेणी में सम्मानित किया गया।
सीनियर वर्ग
प्रथम पुरस्कार – अविशी सक्सेना डीपीएस
द्वितीय पुरस्कार – शानवी सिंह सुमित राहुल, ककुल सिंह होली पब्लिक स्कूल
तृतीय पुरस्कार – कविशी न्यू एरा स्कूल धौलपुर, आशु सर्वाेदय स्कूल, रिद्धि सनफ्लावर स्कूल, आदर्श तिवारी आगरा पब्लिक स्कूल, अभय एसबीएम स्कूल।
जूनियर वर्ग
प्रथम पुरस्कार – वैभव वर्मा गायत्री पब्लिक स्कूल
द्वितीय पुरस्कार – मनस्वी शर्मा एबीएम कान्वेंट स्कूल
तृतीय पुरस्कार – भविष्य लूथरा सनफ्लावर स्कूल ।
हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे रामा हरे राम से गूंजा सूरसदन सभागार
इस्कॉन द्वारा आयोजित गीता ओलंपियाड के पुरस्कार समारोह में इस्कॉन आगरा द्वारा आयोजित संकीर्तन में उस समय सूरसदन सभागार करतल ध्वनि के साथ हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे रामा हरे राम से गूंजने लगा जब भजन की प्रस्तुति युवा छात्रों ने दी। छात्र अभिभावक और आसपास के जिलों से आए विद्यालयों के प्रबंधक शिक्षक शिक्षिकाओं को प्रभु श्री कृष्ण संकीर्तन इतना रास आया कि हर किसी की जुबान पर हरे रामा हरे कृष्णा रट लगने लगी।