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नीति आयोग की योजना के नाम पर सैकड़ों महिलाओं से सार्थक सोशल वेलफेयर एसोसिएशन ने की धोखाधड़ी

by admin

आगरा। सार्थक सोशल वेलफेयर सोसायटी की ओर से नीति आयोग की योजना के माध्यम से वेतन दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी कर कंपनी के भाग जाने से आक्रोशित महिलाओं ने जमकर एसएसपी कार्यालय पर हंगामा काटा। पीड़ित महिलाओं ने सार्थक वेलफेयर सोसाइटी के साथ-साथ पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी नारेबाजी की और अपनी नाराजगी व्यक्त की। महिलाओं के प्रदर्शन को देखते हुए महिला पुलिस अधिकारी और सिपाही भी मौके पर पहुंच गए और आक्रोशित महिलाओं को समझा-बुझाकर शांत किया गया। पुलिस ने उनकी समस्याएं सुनकर इस मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

एसएसपी कार्यालय पर हंगामा काट रही महिलाओं का कहना था कि सार्थक सोशल वेलफेयर सोसाइटी ने बेरोजगार महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई व बुनाई के लिए संस्थान चलाने और प्रत्येक छात्र से ली गई ट्यूशन की रकम से ₹750 सार्थक वेलफेयर सोसाइटी को देने की बात कही। इसके बदले ₹2000 का भुगतान मिलने की बात कही।
इसके बाद सार्थक वेलफेयर सोसाइटी ने इसे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से नीति आयोग की योजना बताकर प्रत्येक सदस्य से 35-35 टीचर को जॉइन कराने पर 5 हजार का भुगतान प्रतिमाह सरकार से मिलने की बात कही थी। सभी सदस्यों ने 35-35 लोगों के भुगतान जमा कराए। पैसा जमा होने के बाद प्रतिमाह पांच हजार न मिलने पर जब विरोध किया गया तो कंपनी पैसे लेकर फरार हो गयी।

पीड़ित महिलाओं का कहना है कि सार्थक सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के खिलाफ पहले भी उन्होंने एसएसपी कार्यालय में शिकायत की थी लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है जबकि हर पीड़ित गरीब तबके का है। बामुश्किल इस संस्था से लोगों को जोड़कर उनके पैसे लगवाए थे लेकिन अब लोग अपने भुगतान के लिए परेशान घूम रहे हैं।

महिलाओं ने पुलिस विभाग को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाले सार्थक सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के किसी भी अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया गया है जबकि आगरा में इस संस्था के कोऑर्डिनेटर ग्रुप में यशवंत नाम का व्यक्ति कार्य कर रहा है और उन्होंने ही उन्हें इस संस्था से जोड़ा था।

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