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भक्तों के दर्शन को करौली में खुला मैया का दरबार, नवरात्र में भव्य मेला का भी आयोजन

by admin
Maya's court opened in Karauli for the darshan of devotees, a grand fair was also organized in Navratri.

Agra. कोरोना संक्रमण के दो साल बाद कैला देवी मैया की पदयात्रा शुरू हुई और भक्तों के साथ दर्शनार्थियों के लिए भी अब मैया का दरबार खोल दिया गया है। शनिवार से नवरात्रे शुरू हो गए और पहले दिन कैला मैया के दरबार में लाखों भक्त दर्शन के लिए पहुँचे। भारी संख्या में भक्तों के पहुँचने को लेकर करौली देवी मेला ट्रस्ट की ओर से सारी व्यवस्थायें दुरुस्त कर ली गयी। कैला देवी ट्रस्ट के मुख्य परिचालन विवेक द्विवेदी ने इसकी जानकारी दी।

सज गया मैया का दरबार

करौली मैया का दरबार भक्तों के लिए पूरी तरह से सज गया है। इतना ही नहीं इस बार करौली मैया का मेला भी लग रहा है। चारों ओर माता रानी के जयकारे गूंज रहे हैं तो दुकानें भी मैया की पूजा की सामग्री से सज गयी है। छोटे-छोटे बच्चों के लिए मेले में खिलौने लगे हैं तो लोग झूले का आनंद भी ले रहे है। कोरोना संक्रमण के 2 साल बीत जाने के बाद पहली बार करौली मैया के दरबार में इतना भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। भव्य मेले के आयोजन से व्यापारी और दुकानदार उत्साहित हैं तो भक्त भी मैया के दर्शन के लिए लालायित नजर आ रहे हैं।

कैला देवी ट्रस्ट के मुख्य परिचालन विवेक द्विवेदी ने बताया कि दो साल कोरोना संक्रमण के रहे और कोरोना संक्रमण अभी खत्म नही हुआ है। इसलिए कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर मंदिर में सारी व्यवस्थायें की गई है। मंदिर में दो गज की दूरी का पालन हो इसका भी धयान रखा जा रहा है, साथ ही भक्तों से कोरोना की गाइड लाइन का पालन करने की भी अपील की गयी है। कमेटी यह भी सुनिश्चित करेगी कि भक्त मास्क का प्रयोग अवश्य करें।

भक्तों में दिख रहा है उत्साह

कैला देवी ट्रस्ट के मुख्य परिचालन विवेक द्विवेदी ने बताया कि भक्तों में इस बार काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। नवरात्र से पहले ही भक्त पदयात्रा करते हुए करौली मैया के दर्शन के लिए पहुचना शुरू कर दिया है। इतनी भीड़ से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नवरात्रों में कितनी भीड़ रहने वाली है।

आस्था का केंद्र है करौली मैया

करौली मैया भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बन चुकी है। माँ के भक्त दूर दराज से ही मन्नतें मांग लेते है और पूरी होने पर मंदिर दर्शन के लिए आते है। इस मंदिर को बने सैकड़ों वर्ष हो चुके हैं। इस बीच मंदिर का डेवलपमेन्ट भी हुआ है। पहले जो आस्था थी आज भी भक्तो में मैया के प्रति वही आस्था बनी हुई है।

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