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सात समुंदर पार से फ़ोन पर मांगी मदद तो मथुरा एसएसपी ने किया दिल जीतने वाला ये काम

by admin

मथुरा। लॉक डाउन के दौरान खाकी के कई मानवीय चेहरे देखने को मिल रहे हैं। देश के राष्ट्रीय संकट की घड़ी में पुलिस सामाजिक जिम्मेदारी को भी बखूबी निभा रही है। ऐसा ही एक मानवीय चेहरा मथुरा पुलिस का देखने को मिला जब सात समुंदर पार से एक फोन आया और उसने अपनी प्रेग्नेंट महिला को हॉस्पिटल पहुँचाने के लिए मदद की गुहार लगाई। इस फोन पर एसएसपी गौरव ग्रोवर तुरंत उस व्यक्ति के घर पहुँचे और महिला को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहाँ उसने एक बेटे को जन्म दिया। इसके बाद घर में बधाई गीत होने लगे।

घटना मंगलवार की बताई जा रही है। बताया जाता है कि लॉक डाउन के दौरान सड़को पर सन्नाटा था, अस्पताल के रास्ते बंद थे और घर में प्रसूता दर्द से तड़प रही थी। इस परिस्थिति में सात समंदर पार बैठे स्वजनों ने मथुरा के एसएसपी से मदद मांगी तो एससपी खुद की गाड़ी से स्वजन के घर पहुँच गए और प्रसूता को नर्सिंग होम में भर्ती कराया।

आपको बताते चले कि शहर के विश्राम घाट पर रहने वाले नरेंद्र चतुर्वेदी के बेटे गजेंद्र दुबई के मीना बाजार में सीए हैं। उनके साथ ही छोटा भाई शुभम और उसकी पत्नी मोहिनी चतुर्वेदी रहती हैं। गर्भवती होने के कारण दो माह पहले ही मोहिनी मथुरा आई थीं। 31 मार्च को दिन में मोहिनी को प्रसव पीड़ा होने लगी। शहर में लाॅकडाउन है, सभी रास्ते बंद। स्वजन घबरा गए, अस्पताल कैसे लेकर जाएं। इस चिंता में मोहिनी के ससुर नरेंद्र चतुर्वेदी परेशान हो गए। दुबई में बड़े बेटे गजेंद्र को फोन कर जानकारी दी। दुबई से ही गजेंद्र ने दोपहर में मथुरा के एसएसपी डाॅ. गौरव ग्रोवर को फोन किया। उन्हें परेशानी बताई। एसएसपी ने कहा परेशान होने की कोई जरूरत नहीं, मैं हूं, जिस समय पुलिस की सहायता की जरूरत हो, बता देना। एसएसपी ने अपने कार्यालय के कर्मचारियों को मोहिनी के ससुर नरेंद्र से लगातार संपर्क रखने को कहा। दिन में कई बार एसएसपी के आवास से पुलिसकर्मियों ने फोन कर स्थिति की जानकारी ली।

शाम साढ़े छह बजे मोहिनी की प्रसव पीड़ा बढ़ी तो नरेंद्र चतुर्वेदी ने एसएसपी को फोन कर मदद मांगी। नरेंद्र अपनी गाड़ी में बहू को लेकर करीब दो किमी दूर स्थित निजी नर्सिंग होम ले गए। एसएसपी और कार्यालय के पुलिसकर्मी लगातार नरेंद्र के संपर्क में रहे। कहीं गाड़ी पुलिस न रोके, वायरलेस पर सूचना जारी की। नर्सिंग होम पहुंचने के बाद भी एसएसपी की फोन पर स्वजनों से बात होती रही। सवा सात बजे मोहिनी ने एक बेटे को जन्म दिया, नरेंद्र ने एसएसपी को फोन कर बधाई दी। बोले, घर से नर्सिंग होम तक आना पुलिस की मदद से संभव हुआ। इसके लिए महिला के परिजन और दुबई में बैठे गजेंद्र ने एसएसपी का आभार व्यक्त किया।

एसएसपी गौरव ने कहा कि ये हमारा फर्ज था, समाज में जिसको भी जरूरत है, उसके परिवार के सदस्य के रूप में पुलिस काम कर रही है।

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