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सही उम्र में शादी और जागरुकता से महिलाओं की सेहत रहेगी तंदुरूस्त

by pawan sharma
  • एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य कार्रवाई दिवस
  • महिला स्वास्थ्य के मुद्दों पर किया गया जागरुक

आगरा। एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य कार्रवाई दिवस मनाया गया। इस अवसर पर महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारों को समर्पित अन्तर्राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य कार्रवाई दिवस प्रत्येक वर्ष 28 मई को मनाया जाता है । इसका उद्देश्य उन सभी मुद्दों पर बात करना और समाज में अनुकूल वातावरण तैयार करना है जो महिलाओं के यौन और प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारों से संबंधित हैं । उन्होंने महिलाओं की सही उम्र में शादी, पार्टनर चुनने की आजादी, गर्भधारण में महिला की सहमति, गर्भसमापन में निर्णय लेने का स्वतंत्र सामाजिक अधिकार, परिवार नियोजन साधनों तक पहुंच और यौन संक्रमण से होने वाली बीमारियों से बचाव के मुद्दे पर चर्चा की।

सीएमओ ने बताया कि समुदाय स्तर पर कम उम्र में शादी को हतोत्साहित करने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रयासरत हैं। साथ ही यह संदेश दिया जाता है कि शादी के कम से कम दो वर्ष बाद ही गर्भधारण करना है। इसके पीछे उद्देश्य है कि गर्भधारण सही उम्र में ही हो और तब हो जब दंपति के बीच समझदारी बन जाए। सभी सरकारी अस्पतालों के साथ साथ अग्रिमपंक्ति कार्यकर्ता के माध्यम से भी परिवार नियोजन की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

एएनएम प्रशिक्षण केंद्र की इंचार्ज डॉ. सलोनी ने बताया कि राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएचएफएस) पांच (2019-21) के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में सिर्फ 64.6 फीसदी ऐसी महिलाएं हैं जिन्हें यह पता है कि उनके पार्टनर अगर कंडोम का निरंतर उपयोग करते हैं तो वह एचआईवी संक्रमण और एड्स से बच सकती हैं । जागरूकता के अभाव और परिवार नियोजन के साधनों के इस्तेमाल में पुरूष की अरूचि के कारण महिलाएं असुरक्षित संबंध के जरिये आज भी सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज (एसटीआई) का शिकार हो रही हैं । इसी सर्वे के अनुसार प्रदेश में 72.6 फीसदी 15 से 24 आयु वर्ग की महिलाएं माहवारी के दौरान स्वच्छता के लिए किसी सुरक्षित साधन का इस्तेमाल करती हैं।

एएनएम प्रशिक्षण केंद्र की अध्यापिका संजू ने महिला स्वास्थ्य अधिकारों की जानकारी देते हुए कहा कि माहवारी के दौरान स्वच्छता व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर सैनेट्री पैड का उपयोग करने के लिए स्थान होना चाहिए। इससे महिलाओं का विभिन्न बीमारियों से बचाव होगा । उन्होंने कहा कि कम उम्र में महिलाओं का विवाह होने पर उन्हें जल्दी मां बनने के लिए सामाजिक दवाब का सामना करना पड़ता है, इसके साथ ही कम उम्र में शादी लड़कियों को यौन हिंसा का भी शिकार बनाती है। ऐसे में सही समय पर शादी करने से महिलाओं को होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है।

एएनएम फर्स्ट ईयर की छात्रा आयुषी दीक्षित ने बताया कि मेरा सुझाव है कि ग्रामीण क्षेत्रों में राशन की दुकानों व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर सेनेटरी पैड आसानी से मिलने चाहिए, महिलाओं को उन्हें उपयोग करने के लिए सामुदायिक स्तर पर जागरुक करना चाहिए। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी महिलाएं सेनेटरी पैड की जगह कपड़े का उपयोग करती हैं, जिससे उन्हें संक्रमण होने का खतरा हमेशा रहता है।

अन्य छात्रा सविता यादव जागरुकता कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें माहवारी स्वच्छता के बारे में जानकारी मिली। छात्रा अंजिता ने बताया कि महिलाओं में सर्विक्स कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में शीघ्र स्क्रीनिंग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है । इसके जरिये इन बीमारियों को गंभीर अवस्था में पहुंचने से रोका जा सकता है। छात्रा निकिता यादव ने बताया कि ऐसा देखा जाता है कि कम उम्र में शादी होने पर महिलाओं को गंभीर रोगों का सामना करना पड़ता है। यदि समुदाय स्तर पर लोगों को जागरुक किया जाए और परिवार नियोजन को अपनाया जाए तो इससे बचा जा सकता है। कार्यक्रम में सुरेंद्र सिंह, सतीश गुर्जर, विजेंद्र और एएनएम की छात्राएं व अन्य मौजूद रहे।

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